कोरियाई युद्ध में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के अवशेष पर्ल हार्बर पहुंचे

वॉशिंगटन। 1950-1953 में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के संभावित अवशेष बुधवार को वॉशिंगटन पहुंच गए। दोनों देशों के नेताओं के बीच हुए समझौते के तहत कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने ये अवशेष लौटाए थे। दक्षिण कोरिया से अमेरिकी झंडे में लिपटे ताबूतों के अंदर रखे गए अवशेष हवाई में अमेरिकी नौसैन्य अड्डे पर्ल हार्बर पहुंचे।देश के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की अध्यक्षता में एक समारोह यहां आयोजित किया गया था। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, जब उत्तरी कोरिया ने 27 जुलाई को कोरिया में संयुक्त राष्ट्र कमांड के सदस्यों को अवशेष सौंपे थे तो ताबूत संयुक्त राष्ट्र के झंडे में लिपटे थे। पेंस के पिता भी कोरियाई युद्ध का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका तब तक प्रयास करना बंद नहीं करेगा जब तक कि कोरियाई युद्ध में जान गंवाने वाले हर सैनिक के अवशेष स्वेदश वापस नहीं आ जाते। जून में वार्ता के बाद उस दिशा में ज्यादा प्रगति नहीं होने को लेकर आलोचनाओं में घिरे ट्रंप ने वादा पूरा करने के लिए किम की तारीफ की। उपराष्ट्रपति माइक पेंस अवशेष वापस लौटने के बाद हवाई में आयोजित एक कार्यक्रम में सैनिकों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। 55 सैनिकों के अवशेष लेकर लौट रहे ताबूत संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे थे। कोरियाई प्रायद्वीप में 1950 से 1953 तक चले युद्ध में 35,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गये थे। करीब 7,700 सैनिक अब तक लापता हैं। इनमें से ज्यादातर सैनिक उत्तर कोरिया की सीमा में लापता हुए थे।

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