पुराने वाहनों के वैश्विक व्यापार से प्रदूषण का गंभीर खतरा

नई दिल्ली। अफ्रीका और दक्षिण एशिया के निम्न व मध्यम आय वाले देशों उच्च आय वाले देशों से पुराने वाहन मंगाए जाने से आयातक देशों में प्रदूषण का गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। नई दिल्ली स्थित एक विचार मंच सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने इस सच्चाई से पर्दा उठाया है। सीएसई के अध्ययन के मुताबिक, पुराने और उपयोग किए हुए वाहनों के वैश्विक व्यापार से अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों का वातारवरण विषाक्त बन रहा है। सीएसई के अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण एशिया और अफ्रीका के देशों में हर साल दो अरब पुराने वाहनों का आयात होता है, जिनमें चार करोड़ वाहन ऐसे होते हैं जिनकी चलने की लाइफ समाप्त हो गई होती है। ये वाहन पूरी तरह जर्जर हालत में होती है। ऐसे वाहनों को धनी देशों में कबाड़ में निकालने के बजाय कम या मध्यम आय वाले देशों को बेचा जाता है। अफ्रीका में जापान, जर्मनी, अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत 17 देशों से पुराने वाहन आयात किए जाते हैं। सीएसई की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (रिसर्च एंड एडवोकेसी) अनुमिता रायचौधरी ने कहा, गरीब देशों में सस्ते दाम और कमजोर पर्यावरण संबंधी विनियमन, बेहतर वेरायटी की कार के प्रति लालच और उच्च आय वाले देशों में सख्त उत्सर्जन विनियमनों के कारण इन वाहनों को वैश्विक व्यापार होता है।

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