नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मेट्रो की लागत कम करने और भारत में ही मेट्रो से जुड़े उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अब यह तय किया है कि देश भर के शहरों में बनने वाली मेट्रो एक जैसी ही होंगी। इसके लिए सरकार चाहती है कि मानक तय कर दिए जाएं और भविष्य में जिस शहर में भी मेट्रो बने, वहां इन मानकों का ही उपयोग किया जाए। इसी वजह से ही अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने मेट्रोमैन ई. श्रीधरन की अध्यक्षता में एक कमिटी का भी गठन किया है।आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हालांकि सरकार पहले ही मेट्रो से जुड़े कुछ उपकरणों और सामान के लिए मानक तय कर चुकी है लेकिन सिविल मामलों समेत कुछ अन्य वस्तुओं के लिए मानक तय किए जाने हैं। फिलहाल मेट्रो के लिए जो भी मानक होते हैं, उनके लिए तकनीकी तौर पर रेलवे से मंजूरी ली जाती है। नए सिरे से मानक तय होने से मेट्रो प्रॉजेक्टस के लिए तकनीकी मंजूरी रेलवे से ही ली जाएगी लेकिन इससे प्रक्रिया तेज हो जाएगी और तकनीकी मंजूरी के लिए वक्त भी बेहद कम लगेगा।मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी के मुताबिक पहले ही रोलिंग स्टॉक यानी मेट्रो कोच के लिए तो स्टैंडर्ड तय किए ही जा चुके हैं। इसके अलावा मेट्रो के लिए कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए भी मानक तय हैं। विद्युत से जुड़े उपकरणों के लिए प्रस्तावित मानकों की मंजूरी के लिए रेलवे को भेजा गया है। इस अधिकारी के मुताबिक इस फैसले का फायदा यह होगा कि मेट्रो से जुड़े उपकरणों को विदेश से मंगाने की जरूरत ही नहीं होगी। चूंकि यहां पूरे देश में मेट्रो के लिए इन उपकरणों की आवश्यकता होगी इसलिए इनका निर्माण भारत में ही होने लगेगा। जिससे इनकी लागत में कमी आएगी।
सभी शहरों की मेट्रो एक जैसी होगी
