रामदेव के फूड पार्क को जमीन देगी योगी सरकार, कैबिनेट से मिली मंजूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में योग गुरू स्वामी रामदेव के फूड पार्क को जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। इस निर्णय के साथ मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 11 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी गई। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व सरकारी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि आज बैठक में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में जमीन देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। इस निर्णय के तहत मैसर्स पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को प्रदेश में मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए दी गई विशेष छूट, अब मैसर्स पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क नोएडा प्राइवेट लिमिटेड को भी दी जाएगी। छूट के तहत कंपनी को भूमि की प्रचलित आवंटन दर में 25 प्रतिशत की छूट व भूमि की सबलीज की सुविधा प्राप्त होगी। प्रवक्ता ने कहा कि इससे प्रदेश में बड़ा निवेश होगा, जिससे दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही ’उ.प्र. औद्योगिक विकास प्राधिकरण केंद्रीयत सेवा नियमावली-2018’ को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गीडा, सीडा, लीडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण, यूपीडा और यूपीसीडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों का एक प्राधिकरण से दूसरे में तबादला होगा। एक प्राधिकरण से दूसरे प्राधिकरण के बीच तबादलों की शुरुआत से कार्मिकों की कार्यकुशलता व कार्यदक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। विभागीय कार्यों में अधिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में यूपीएसआईडीसी का यूपीसीडा में विलय को हरी झंडी दी गई। अब उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसआईडीसी) का आस्तियों, दायित्वों, शक्तियों, क्रियाकलापों और कर्मचारियों का हस्तांतरण उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को किया जाएगा। बाणसागर नहर परियोजना के लिए 3420.24 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित परियोजना लागत को कैबिनेट की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के सुनियोजित विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए ’उत्तर प्रदेश काशी विशिष्ट क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ का गठन किया जाएगा। प्राधिकरण के गठन के लिए ’उत्तर प्रदेश काशी विशिष्ट क्षेत्र विकास प्राधिकरण, वाराणसी अधिनियम-2018’ को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। अब यह परिषद ही मंदिर क्षेत्र का विकास करेगा।

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