तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप कल का बीता हुआ जीवन पराजित जीवन है। यदि हमने बीते कल में कोई उपलब्धि प्राप्त भी कर ली है तो आज का जीवन उसमें कुछ और जोड़ सकता है। हम वर्तमान की खिड़की से भविष्य के नए रास्ते निकाल सकते हैं। मैं और मेरी बेटी प्रतिदिन के प्रारंभ में एक दूसरे से कहते हैं “हैप्पी बर्थडे।” यदि कोई तीसरा व्यक्ति (मेरे परिवार के अतिरिक्त) इस वार्तालाप को सुनता है तो प्रायः चौंक पड़ता है – कभी कभी उपहास के भाव भी उभरते हैं…
Read MoreDay: June 5, 2018
सुबह सुबह की बारिश
आलोक सिंह, न्यूज़ एडिटर, आई.सी.एन. ग्रुप सुबह सुबह की बारिश उस पर ये मौसम की साजिश बूंद बूंद भीगती मिट्टी की सौंधी सी खुशबू रफ्ता रफ्ता कम होती ये सीने की तपिश सुबह सुबह… सरकती ज़मीन और खामोश सरकते पहाड़ यूँ लम्हा लम्हा पड़ता रहा ज़मीं को फालीज़ सुबह सुबह… टूटते दरख्त और टूटती सब उम्मीदें अब ना गुले खुशबू और न कशिश सुबह सुबह… अबके बहार में मिल जाए क़ुर्बत-ऐ-मंज़िल ख़ामोशी से धुल जाए कुदरत की ख़लिश सुबह सुबह की…
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