सतलुज-आराधना और दीपदान से सराबोर हुआ नाथपा बांध क्षेत्र

सदानीरा सतलुज नदी पर निर्मित देश की गौरवमयी व पर्यावरण मित्र परियोजना 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन एसजेवीएन लिमिटेड की पहली परियोजना है । निगम का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 24 मई को मनाया जाता है, परंतु इस वर्ष इस उपलक्ष में निगमित प्रबंधन और स्थानीय देवी-देवताओं की अहैतुकी कृपा से निगम कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन के बांध क्षेत्र नाथपा में 21 मई को विद्युत गृह झाकड़ी से बांध स्थल नाथपा तक चेन-मैराथन और साँय 07:00 बजे सतलुज आराधना कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री नंदलाल शर्मा, निदेशक (वित्त) श्री अमरजीत सिंह बिंद्रा और निदेशक(सिविल) श्री कंवर सिंह एवं नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन के परियोजना प्रमुख श्री संजीव सूद की सात्विक अंतस्थ प्रेरणा से वशीभूत होकर कर्मचारियों और अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हर्षोल्लास के साथ भाग लिया और पवित्र स्थली बनारस से आए प्रकांड पंडितों द्वारा सामूहिक रूप से समवेत स्वर में माँ सतलुज की आरती आराधना दीप प्रज्वलन कर, श्रीमुख से आरती का उच्चारण कर दीपदानों के माध्यम से सम्पन्न की गयी ।

इस अवसर पर आराधना – आरती से पूर्व वैदिक मंत्रोचारण के जरिये स्थल का शुद्धिकरण करने के उपरांत कर्मचारियों व स्थानीय वासियों द्वारा भगवान गणपति जी का आहवान किया गया, पंडितों के साथ साथ उपस्थित जनसमूह द्वारा सैंकड़ों दीयों का प्रज्वलन कर आरती का विधान सम्पन्न किया गया ।

इस ऐतिहासिक मौके पर निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक महोदय श्री नंदलाल शर्मा जी ने सतलुज नदी का महत्व स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य में वृक्षों और नदियों की पूजा–अर्चना का विधान है। जन्म से लेकर अंत तक नदियां माँ के समान पोषण करती हैं, इसलिए नदियों को माता कहकर उन्हें पूजनीय माना गया है । उन्होने कहा कि भारत में नदियों की पूजा अर्चना के जितने भी पर्व हैं, उन सबका उद्देश्य जल को पवित्र रखना और आस्था को सुदृढ़ बनाना है। अत : हम सभी को नदी, जलाशय और जल स्रोतों का आदर सम्मान कर उनका संरक्षण व संवर्धन करना चाहिए । जीवन को पोषण व संस्कार देने वाली माँ सतलुज नदी वास्तव में जीवन-धारा है ।

इस मौके को अत्यंत प्रासंगिक व प्रेरणादायक बनाने के लिए प्रबंधन द्वारा वैदिक मंत्रों- श्लोको से युक्त बड़े बड़े रंगीन बैनर भी आराधना स्थल बांध क्षेत्र पर प्रदर्शित किए गए । सतलुज नदी के सर्वांगीण अस्तित्व को रेखांकित करता एक ब्रोशर भी जनसमूह की जानकारी के लिए वितरित किया गया ।

रात के घोर अंधेरे में भी सुबह जैसी रोशनी से दमकते बांध स्थल नाथपा में भगवान शिव की नगरी बनारस के विद्वान पंडितजनों ने पारंपरिक वेशभूषा में सतलुज आराधना को भव्यता प्रदान की। इस अवसर पर प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुये उपस्थित जनसमूह द्वारा एक-एक दीप प्रज्वलित कर सतलुज नदी में प्रवाहित कर दीपदान भी अर्पित किया गया, साथ ही साथ उपस्थित जनसमूह द्वारा भी दिये जलाकर अपनी अपनी आस्था को प्रकट किया गया । यह दृश्य अत्यंत मनमोहक और भाव-विभोर कर देने वाला था । करीब 02 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में भागौलिक व सांस्कृतिक दृष्टि से विविधता लिए हुए जन-जातीय बहुल जिला किन्नौर की निचार तहसील के अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र आस्था एवं श्रद्धा की भावधारा से सराबोर होकर जगमगा उठा ।

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