इंसानियत अभी जिंदा है

अमित खोलिया, ब्यूरो चीफ-उत्तराखंड
हल्द्वानी। दिनांक 16 मई 2018 रात्रि के करीब 9 बजे नैनीताल रोड पर स्तिथ वाटिका बैंकट हॉल के सामने से दो बहनें अर्चना जोशी और पूनम पांडे गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक 50-55 वर्ष की वृद्ध महिला अकेले रोड के किनारे बैठी हुई है। पूछताछ के बाद पता चला कि वो महाराष्ट की रहने वाली है और रास्ता भटककर यहाँ पहुँच गयी है। भूखी प्यासी महिला को इन बहनों ने भोजन कराया और किसी तरह से पुलिस में संपर्क किया। लगभग रात्रि के 12 बजे हल्द्वानी ऑनलाइन 2011(फेसबुक समूह) के माध्यम से अर्चना नें किसी तरह पुलिस से संपर्क कर इन महिला को रात्रि में करीब 1 बजे काठगोदाम थाने भिजवाया।अगली सुबह फिर से दिक्कत कि महिला जाए तो जाए कहाँ और इसी बीच अर्चना की बहन पूनम खुद काठगोदाम थाने पहुँची। किसी तरह से नैनीताल SSP की PRO आरती पोखरियाल तक ये खबर पहुँची और आरती पोखरियाल ने उक्त मामले में खुद काठगोदाम थाने पहुँचकर इन वृध्द महिला से पूछताछ की। महिला कुछ मानसिक रूप से कमजोर लगी और अपने घर का पता और कोई भी संपर्क सूत्र नहीं बता पायी। स्तिथि को भाँपकर इस वृध्द महिला को आरती पोखरियाल की मदद से हल्द्वानी स्तिथ वृद्धाश्रम पहुँचाया गया।जहाँ आज के इस समय में संतान अपनी औलाद को नहीं पूछती वहीं दूसरी तरफ ये दो बहनें समाज के लिए एक मिशाल बनकर सामने आयी और वो कार्य किया जिससे महसूस हो गया कि इंसानियत आज भी जिंदा है।

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