भारत ने अपनी ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल की तकनीक भी वियतनाम को देने का प्रस्ताव दिया था।
नई दिल्ली। एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के संग सैन्य रिश्ते मजबूत करने की रणनीति के तहत भारत अगले हफ्ते वियतनाम के साथ पहला नौसेना अभ्यास शुरू करने जा रहा है। इस नौसेना अभ्यास के जरिए भारत की नजर विस्तारवादी चीन पर भी रहेगी। ध्यान देनेवाली बात यह है कि अगले महीने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हनोई जाने वाली हैं।दक्षिण पूर्वी एशिया और उत्तर पश्चिमी इलाके में तैनात तीन भारतीय युद्धपोत, स्टेल्थ युद्धपोत आईएनएस सहयाद्री, मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कमोरता और फ्लीट टैंकर आईएनएस शक्ति, सोमवार को तियन सा बंदरगाह पहुंच जाएंगे। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी. के. शर्मा ने कहा, 21 से 25 मई के बीच दोनों देशों के नौसेना कर्मी प्रफेशनली एक-दूसरे से मिलेंगे, वियतनामी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ आधिकारिक वार्ता होगी। पोत पर पहुंचने के बाद दोनों देशों की नौसेना अभ्यास शुरू करेगी।दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए रक्षा सहयोग को अहम मानते हुए, निर्मला सीतारमण जून महीने में द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूती देने के मकसद से वियतनाम का दौरा करेंगी। इतना ही नहीं वियतनामी थल सेना प्रमुख और वियतनामी नौसेना के कमांडर भी इस साल के आखिर तक भारत का दौरा करेंगे।भारत जल्द ही वियतनामी फाइटर पायलटों को सुखोई-30 फाइटर जेट्स उड़ाने की ट्रेनिंग देगा। भारत ने वियतनाम के अलावा सिंगापुर, म्यांमार, मलयेशिया और इंडोनेशिया जैसे अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ भी सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया है।