भारतीय कानून के तहत स्थिति विशेष के अलावा यौन शोषण की शिकार पीड़िता की पहचान को उजागर करने वाला कोई भी तथ्य सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली। हाई कोर्ट में गैंगरेप पीड़ित बच्ची की पहचान और फोटो सार्वजनिक करने पर गूगल, फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब समेत कई सोशल साइटों को नोटिस भेजा है। ये नोटिस इन साइट्स के विदेश स्थित मुख्यालयों को भेजा है। दरअसल कानून के मुताबिक गैंपरेप पीड़िता या फिर बच्चों की पहचान उजागर करने के लिए सख्त नियम हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने ऐसी सामग्री अपलोड करके देश का बड़ा नुकसान किया है, जिससे कठुआ बलात्कार और हत्या मामले की पीडि़त बच्ची की पहचान का खुलासा हुआ, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति हरिशंकर की पीठ ने कहा ,आपने देश का बड़ा नुकसान किया है। यह देश और पीडि़त परिवार के साथ एक अन्याय है। इस तरह के प्रकाशन की अनुमति नहीं है।हाईकोर्ट ने पीड़िता की पहचान ज़ाहिर करने पर हाल ही में 12 मीडिया संस्थानों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। अदालत ने मना करने के बाद भी मीडिया हाउस द्वारा एक ब्लॉग में पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने पर 25 अप्रैल को कड़ी फटकार लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।