ट्रंप और किम ने मुलाकात के लिए सिंगापुर को ही क्यों चुना?

सिंगापुर का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी का ट्रैक रेकॉर्ड भी रहा है। साल 2015 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और तत्कालीन ताइवानी राष्ट्रपति मा यिंग जेओ के बीच बैठक की मेजबानी सिंगापुर ने ही की थी।

सिंगापुर। सिंगापुर को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच होने जा रही ऐतिहासिक बैठक के लिए चुना गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि कर दी कि अमेरिका के पहले मौजूदा राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच 12 जून को सिंगापुर में बैठक होने जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, हम दोनों इस मौके को दुनिया की शांति के लिए बेहद खास पल बनाने की कोशिश करेंगे! सिंगापुर ने भी इस बैठक की मेजबानी की पुष्टि कर दी, हालांकि उसने इस बारे में कोई और जानकारी नहीं दी।अत्याधिक आधुनिक इस शहर में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था है और इसे एशिया के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक माना जाता है। सिंगापुर में मीडिया और सार्वजनिक सम्मेलनों पर कड़ी पाबंदियां हैं। यह नियंत्रित वातावरण उत्तर कोरियाई लोगों के अनुकूल माना जा रहा है। इतना ही नहीं सिंगापुर ऐसा देश है जिसके वॉशिंगटन और प्योंगयांग दोनों के ही साथ दोस्ताना कूटनीतिक संबंध हैं।सिंगापुर अमेरिका को एक करीबी सहयोगी मानता है, तो दूसरी तरफ सिंगापुर में उत्तर कोरिया का पूरी तरह संचालित दूतावास भी मौजूद है।सिंगापुर का उत्तर कोरिया के साथ भी राजनयिक संबंध रहा है। दोनों देशों के बीच 1975 में राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुई थी। सिंगापुर में नॉर्थ कोरिया की एंबेसी भी है।हालांकि, नवंबर 2017 में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को और कड़ा किए जाने के बाद सिंगापुर ने उत्तर कोरिया से सभी व्यापारिक संबंध तोड़ लिए थे, लेकिन मौजूदा वक्त में भी दोनों देशों के बीच हालात सामान्य हैं।

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