वुहान में पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात से पहले चीन ने सीमा विवाद को लेकर शांति की बात कही है।सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस बैठक को दोनों देशों के रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के चीन दौरे पर हैं।यहां के वुहान शहर में शुक्रवार से शुरू हुए शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई।चीन ने कहा है कि वह सीमा पर शांति कायम रखना चाहता है। ड्रैगन का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर उसके सैनिक भारत की सीमा में देखे जाते रहे हैं। इससे तनाव बढ़ता रहा है। चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वह भारत और चीन के सैन्य संबंधों को स्थिर और मजबूत करने की इच्छा रखता है।
पिछले साल 72 दिनों तक डोकलाम में चले सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस अनौपचारिक शिखर बैठक से तनाव को कम करने और विश्वास बहाली में मदद मिलेगी।भारत के पड़ोसी देशों जैसे भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका में भी चीन जिस तरह अपना प्रभाव बढ़ाता जा रहा है उससे भी भारत चिंतित है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी चीन बार-बार सवाल उठाता रहा है जबकि भारत कह चुका है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ नैशनल डिफेंस के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, चीन और भारत के बीच सैन्य संबंध स्थिर रहें और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनी रहे, यह दोनों देशों के लोगों की इच्छा है।उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आए हैं पर कियान ने यह भी कहा, द्विपक्षीय सैन्य संबंधों में कुछ परेशानियों और बाधाओं के बावजूद हम आपसी विश्वास और समझ बढ़ाने के साथ ही मतभेदों को उचित तरीके से दूर करना चाहते हैं।

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