नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में जीएसटी परिषद से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह साफ कर दिया है कि गुरुद्वारों में बंटने वाले लंगर के लिए खरीदे जाने सामान पर जीएसटी की कोई छूट नहीं दी जाएगी। अधिकारी ने कहा कि गुरुद्वारा से जुड़े कई राजनीतिक दल यह मांग कर रहे हैं कि लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर जीएसटी ना हो, लेकिन इसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें हैं, इसलिए इसे नहीं माना जा सकता। अधिकारी का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसे प्रमाणित कौन करेगा कि जो सामान गुरुद्वारे के लंगर के नाम भेजा गया है वो सामान लंगर के लिए प्रयोग किया गया है, उसे कहीं और नहीं भेजा जा रहा। वित्त मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि यह सहूलियत कर चोरी का एक जरिया बन सकता है। उन्होंने बताया कि चावल, दाल, घी, चीनी, मसाले आदि ही नहीं बल्कि वहां भवन निर्माण में उपयोग होने वाले सीमेंट, ईंट, सरिया, लोहा-इस्पात आदि पर भी जीएसटी से छूट की मांग उठने लगेगी। इसके साथ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह पंजाब सरकार ने लंगर के लिए खरीदारी पर राज्य के मद में देय कर छूट की बात कही है, उसी प्रकार कोई भी राज्य चाहे तो अपने हिस्से का जीएसटी लंगर या भंडारे के लिए माफ कर सकता है, इस पर केंद्र को कोई दिक्कत नहीं है।
गुरुद्वारों में बंटने वाले लंगर या भंडारे पर नहीं मिलेगी जीएसटी की छूट
