श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कठुआ इलाके में 8 साल की बच्ची के साथ वीभत्स गैंगरेप और हत्या के बाद विरोध-प्रदर्शन और राजनीति का दौर जारी है। इस बीच खबर है कि कठुआ के रसाना गांव में रहने वाला पीडि़ता का परिवार मंगलवार को डर के चलते गांव छोड़कर जा चुका है। बताया जा रहा है कि बार असोसिएशन द्वारा जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच प्रक्रिया में सवाल उठाते हुए विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल के चलते बच्ची का परिवार दहशत में था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसिफा के पिता मुहम्मद यूसुफ पुरवाला अपनी पत्नी, दो बच्चे और पशुओं को लेकर किसी अज्ञात जगह पर चले गए हैं। इससे पहले यह कहा जा रहा था कि परिवार अगले महीने कश्मीर छोडऩे की योजना बना रहा था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलगाववादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने गुरुवार को राज्य प्रशासन और पुलिस पर मूकदर्शक होने का आरोप लगाया जबकि जम्मू बार असोसिएशन ने भीम सिंह की नेतृत्व वाली पैंथर पार्टी के सहयोग से बलात्कारियों और हत्यारों के समर्थन में शहर में बंद और प्रदर्शन किया।
सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने भी इस रोंगटे खड़े कर देने वाले अपराध के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें श्रीनगर के प्रताप पार्क पर स्टूडेंट, युवक और स्थानीय लोग इकट्ठा हुए। इस विरोध का नेतृत्व करते हुए जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने कहा कि यह निर्दयी प्रयासों के साथ मामले को सांप्रदायिक मोड़ देने के खिलाफ एक प्रदर्शन है और बीजेपी के लिए एक चेतावनी है।उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर से गंदी राजनीति को दूर करो। हम यहां एक और गुजरात नहीं बनने देंगे। क्या इन तथाकथित वकीलों के बच्चे नहीं है? क्या उन्हें बच्चों से संवेदनाएं नहीं है? प्रदर्शनकारियों ने उन वकीलों को गिरफ्तार करने की मांग की जो पुलिस की क्राइम ब्रांच को अदालत में चार्जशीट दाखिल करने में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने कठुआ के बाहर मामले के ट्रायल की मांग की ताकि हंगामे और डर के बिना कार्रवाई की जा सके।