लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उप्र में सरकार बनने के बाद से ही अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को तवज्जो मिलनी शुरू हो गई थी। सरकार के सूत्रों का दावा है कि योगी सरकार अब अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को लेकर गंभीर हो गई है और अधिकारियों को इसके लिए नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से उसके आसपास मौजूद तीर्थस्थलों के समन्वित विकास का खाका तैयार किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इसके लिए नियमावली बनानी शुरू कर दी है।
पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, उप्र में योगी सरकार बनने के बाद से ही अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट और नैमिशारण्य सहित दूसरे पौराणिक स्थलों के विकास की कवायद तेज हो गई थी।
इसी क्रम में योगी सरकार ने मथुरा और वृंदावन में तीर्थ स्थलों के विकास के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया था इस कड़ी में अब अयोध्या का नाम जुड़ने जा रहा है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अयोध्या तीर्थ विकास परिषद की रूपरेखा भी ब्रज तीर्थ विकास परिषद जैसी ही होगी। मुख्यमंत्री ही इसके अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा एक पूर्णकालिक उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।
उप्र पर्यटन विभाग पहले से ही नव्य अयोध्या के नाम पर एक दीर्घकालिक योजना तैयार कर चुका है। पर्यटन विभाग की कमान मुख्यमंत्री के सबसे चहेते अधिकारी अवनीश अवस्थी के पास है। योगी की मंशा के अनुरूप ही इस योजना के अंतर्गत 300 करोड़ रूपये की लागत से भगवान राम की 108 मीटर उंची प्रतिमा भी बनाई जाएगी।