मॉस्को। जासूस को जहर देने के मामले में रासायनिक हथियारों पर निगरानी रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन में ब्रिटेन के साथ संयुक्त जांच की अपील खारिज होने के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गुरुवार को तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया। ब्रिटेन ने कहा है कि रूस के पूर्व डबल एजेंट सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर चार मार्च को हुए हमले के पीछे रूस के होने की पूरी संभावना है। बहरहाल, रूस इस मामले में किसी तरह की संलिप्तता से लगातार इनकार करता रहा है।
ब्रिटेन का कहना है कि यह नर्व एजेंट सोवियत संघ द्वारा विकसित किया हुआ था। रूस ने न्यूयॉर्क में बृहस्पतिवार को शाम सात बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की अपील की है। परिषद में उसके राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने कहा कि बैठक का मुख्य ध्यान ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे द्वारा भेजे गए पत्र पर केंद्रित होगा जिसमें रूस पर हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले रूस ने बुधवार को ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रॉहिबिशन ऑफ केमिकल वेपंज (ओपीसीडब्ल्यू) की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था जिसमें उसने हमले की जांच के लिए ब्रिटेन के साथ संयुक्त जांच की अपील की थी।
ओपीसीडब्ल्यू में रूस के राजदूत ऐलेक्जेंडर शुलगिन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘दुर्भाग्य से हम फैसले के समर्थन में दो- तिहाई मत हासिल नहीं कर पाए। योग्य बहुमत की जरुरत थी।उन्होंने कहा, ‘यह प्रस्ताव रूस और ब्रिटेन के नेतृत्व में दोहरी जांच के बारे में था। ओपीसीडब्ल्यू के महानिदेशक को मध्यस्थ होना चाहिए। बहरहाल, ब्रिटेन ने इस प्रस्ताव को रास्ते से भटकाने वाला बताकर इसकी आलोचना की थी।
ब्रिटेन के रासायनिक हथियार विशेषज्ञ जॉन फोगो ने ओपीसीडब्ल्यू की शासकीय कार्यकारी परिषद से कहा, ‘हम सालिसबरी में हुए हमले की संयुक्त जांच कराने की रूस की मांग पर सहमति नहीं देंगे क्योंकि ब्रिटेन का मानना है कि इस हमले के लिए रूस पूरी तरह जिम्मेदार हो सकता है। हमें कई अन्य देशों का समर्थन हासिल है। ओपीसीडब्ल्यू के विशेषज्ञों ने मौके से नमूने एकत्रित कर लिए हैं जिनकी द हेग में जांच चल रही है। ओपीसीडब्ल्यू के प्रमुख अहमत उजुम्कु ने कहा कि उन्हें अगले सप्ताह की शुरुआत तक नतीजे आने की उम्मीद है।
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि 6 देशों ने रूस के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में वोट दिया जबकि 15 ने उसके खिलाफ और 17 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। ब्रिटेन ने परिणाम की प्रशंसा की। ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘द हेग में रूस के बेतुके प्रस्ताव का मकसद स्पष्ट है यह अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार निगरानी संगठन के स्वतंत्र और निष्पक्ष काम को कमजोर करना है।