बीजिंग। चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने साफ-साफ कहा है कि बीजिंग ने अगर भारतीय सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने की फिर कोई कोशिश की तो उसका परिणाम भी डोकलाम की तनातनी जैसा ही होगा। चीन सेना ने डोकलाम में यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश की थी इसीलिए भारत को प्रतिक्रिया व्यक्त करनी पड़ी थी। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट’ को दिए एक साक्षात्कार में बंबावले ने कहा कि भारत और चीन के बीच अचिह्नित सीमा दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर मसला है। लिहाजा दोनों ही देशों को सीमाओं का जल्द से जल्द निर्धारण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्र और कुछ सेक्टर (भारत-चीन सीमा पर) ऐसे हैं जो बेहद संवेदनशील हैं और शांति व स्थायित्व बनाए रखने के लिए वहां यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। भारतीय राजदूत ने कहा कि डोकलाम जैसी घटनाओं से बचने का सबसे सही तरीका स्पष्ट और खरी-खरी बातचीत है। जब डोकलाम जैसी घटनाएं होती हैं तो इसका मतलब है कि आपसी बातचीत में हम एक दूसरे के साथ स्पष्टवादी नहीं हैं। इसलिए दोनों देशों को साफ-साफ बात करने का स्तर बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा, ‘अगर चीन की सेना को वहां सड़क बनानी थी तो उन्हें हमें बताना चाहिए था कि वे वहां सड़क बनाने जा रहे हैं। अगर हम सहमत नहीं होते तो हम उन्हें बताते कि आप यथास्थिति में बदलाव कर रहे हैं। कृपया ऐसा न करें क्योंकि यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है।
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