मालदीव के पूर्व तानाशाह, न्यायाधीशों पर आतंकवाद से जुड़े मामलों का आरोप

माले। मालदीव में चल रही राजनीतिक अस्थिरता और देशव्यापी आपातकाल की पृष्ठभूमि में देश के पूर्व तानाशाह, शीर्ष न्यायाधीशों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े मामलों में आरोप लगाए गए हैं।
फौजदारी अदालत ने 9 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं जिनमें 30 साल तक इस द्वीपीय देश का शासन चलाने वाले मामून अब्दुल गयूम, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद, न्यायमूर्ति अली हामीद और गयूम के पुत्र सहित चार सांसदों तथा पुलिस के एक पूर्व आयुक्त शामिल हैं।
अभियोजन पक्ष ने हालांकि यह नहीं बताया कि इस आधार पर उनके खिलाफ आतंकवाद के आरोप तय किए गए हैं। दोषी करार दिए जाने पर उन सभी को 10 से 15 साल तक कारावास की सजा हो सकती है। जांचकर्ताओं को अपना फोन सौंपने से इनकार करने के संदेह में कुछ लोगों के खिलाफ न्याय में बाधा पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया है।
सईद, हामीद और अन्य न्यायिक अधिकारियों पर सरकार गिराने के लिए रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया गया है। राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के कई राजनीतिक विरोधियों की रिहाई का आदेश देने के बाद गयूम और न्यायाधीशों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।
सरकार द्वारा दो शीर्ष न्यायाधीशों की गिरफ्तारी के बाद अन्य तीन ने राजनीतिक बंदियों की रिहाई के आदेश को रद्द कर दिया था। राष्ट्रपति यामीन और पूर्वतानाशाह गयूम सौतेले भाई हैं, लेकिन फिलहाल दोनों राजनीतिक विरोधी हैं।

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