शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर दिया सम्मान

बिस्मिल्लाह खान

नई दिल्ली: भारत रत्न शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान  को 102वां जन्मदिवस है. उनका जन्म 21 मार्च 1916 को हुआ था. उनके जन्मदिन के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें सम्‍मानपूर्वक समर्पित किया है. सचमुच, देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाज़े गए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं, क्योंकि मुल्क का बच्चा-बच्चा उनके नाम, शोहरत और उनकी आजीवन साधना से भलीभांति परिचित है… संगीत के क्षेत्र में उनकी साधना के कायलों की तादाद हिन्दुस्तान में ही नहीं, दुनिया के समूचे गोले पर मौजूद है, जो उनकी शहनाई की तान सुन झूम-झूम उठते हैं .

 

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

 

बिस्मिल्लाह की शहनाई और भारत की आजादी के बीच भी बहुत गहरा रिश्ता है। जब 1947 में देश आजाद होने की पूर्व संध्या पर लालकिले पर देश का झंडा फहराया जा रहा था तब उनकी शहनाई भी वहां आजादी का संदेश बांट रही थी। तब से लगभग हर साल 15 अगस्त को पीएम के भाषण के बाद बिस्मिल्ला का शहनाई वादन एक प्रथा बन गई। खान ने देश और दुनिया के अलग अलग हिस्सों में अपनी शहनाई की गूंज से लोगों को मोहित किया।

बिस्मिल्लाह खान हिंदी फिल्मों से भी जुड़े रहे. उन्होंने हिंदी फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’, कन्नड़ फिल्म ‘सन्नादी अपन्ना’ और सत्यजीत रे की फिल्म ‘जलसाघर’ के लिए शहनाई की धुनें छेड़ी. इसके साथ ही आशुतोष गोवारिकर की हिंदी फिल्म ‘स्वदेश’ में ‘ये जो देश है तेरा’ में शहनाई की मधुर तान बिखेरी.

कार्डियक अरेस्ट के चलते बिस्मिल्ला खां का निधन बनारस में 21 अगस्त 2006 को हुआ था। खां की पांच बेटियां और तीन बेटे थे। इसके अलावा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रमुख गायिका सोमा घोष को उन्होंने अपनी पुत्री स्वीकार किया था। भारत सरकार ने उनकी मृत्यु के दिन राष्ट्रीय शोक घोषित किया था।

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