गांवों से लेकर स्टेशन तक के नाम बदलने की हुई सिफारिश

मंत्रालय के पास 6 महीने में 27 प्रस्ताव आए
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के सामने इन दिनों अजीब दुविधा है। सभी राज्य अपनी जरूरतों के हिसाब से जगहों-रेलवे स्टेशनों के नाम बदलवाना चाहते हैं और इसके लिए वे मिनिस्ट्री के सामने आवेदन दे रहे हैं। आवेदनों के बढ़ती संख्या के बीच मंत्रालय पसोपेश में है कि किनकी सिफारिशे मानें और किन्हें खारिज करें। सूत्रों के अनुसार, अधिकतर आवेदन राजनीतिक निहितार्थ वाले होते हैं। सबसे अधिक आवेदन बीजेपी शासित राज्यों से आए हैं। नाम बदलने की प्रक्रिया के अनुसार इसके लिए राज्य सरकार अनुशंसा करती है और इसपर गृह मंत्रालय पेश किये गये दावों के आधार पर फैसला लेता है।
सूत्रों के अनुसार पिछले 6 महीने में गृह मंत्रालय के सामने ऐसे 27 प्रस्ताव आए हैं। पिछले साल 62 प्रस्ताव आए थे। सबसे अधिक प्रस्ताव राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, हरियाणा से आए हैं। ताजा प्रस्ताव वाराणसी में मडुंआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन करने के लिए आया है। अभी पिछले दिनों राजस्थान में एक गांव मियां का बाड़ा का नाम बदलकर महेश नगर किया गया। सूत्रों के अनुसार अधिकतर नामों में बदलाव राजनेताओं या धर्म के आधार पर करने की अनुशंसा यानी सिफारिश की गई होती है।
मंत्रालय के अनुसार, अगर इन प्रस्ताव पर उनकी कोई आपत्ति या सवाल होते हैं तो वे राज्य सरकार से दोबारा स्पष्टीकरण मांगते हैं या नाम न बदलने की सलाह देते हैं। लेकिन अगर राज्य सरकार दोबारा आग्रह करती है तो फिर उसके दूसरे पहलू को देखते हैं। कुछ नामों को लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए भी बदलने का प्रस्ताव आया है। सूत्रों के अनुसार, जब आंध्र प्रदेश का बंटवारा हुआ तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों से नाम बदलने के 100 से अधिक प्रस्ताव आए। इनमें अधिकतर को खारिज कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश के राबर्ट्सगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर सोनभद्र कर दिया गया है। होम मिनिस्ट्री ने इस बारे में लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह दूसरी बार है जब उत्तर प्रदेश में किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया है। इससे पहले पिछले अगस्त में मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल कर आरएसएस विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया था। इसे लेकर राजनीतिक विवाद भी हुआ था। इसी तरह पिछले साल मुंबई में भी छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के नाम में ‘महाराज’ शब्द जोड़ा गया था। इससे पहले बड़े शहरों के नाम बदलने की भी मिसाल रही है, मद्रास का नाम बदलकर चेन्नै और बंबई का नाम बदलकर मुंबई किया गया। हाल में गुरुगांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया था।

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