यूपी-बिहार में उपचुनाव, योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार की होगी अग्निपरीक्षा

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और काम का टेस्ट कहे जा रहे फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव का मतदान शुरू हो चुका है। इन सीटों पर चुनाव प्रचार बेहद आक्रामक था और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष ने दोनों पर जमकर हमले किए थे। इस चुनाव में बीएसपी ने मुख्य विपक्षी दल एसपी के कैंडिडेट्स को समर्थन दिया है, ऐसे में यह विपक्षी दलों की एकता का टेस्ट तो है ही योगी के कामकाज पर भी मुहर लगने जैसा होगा। इसके अलावा बिहार में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी वोटिंग जारी है।
अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले इन लोकसभा सीटों के नतीजे यूपी के माहौल को बताने वाले होंगे। योगी सरकार को आए एक साल हो गया है। ऐसे में इन्हें योगी के कामकाज पर मुहर के तौर पर भी देखा जा सकता है और एसपी-बीएसपी के गठबंधन की ताकत का भी यह परीक्षण होगा। यह चुनाव योगी सरकार के लिए कितनी अहमियत रखते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 15 दिनों में योगी ने कई बार गोरखपुर का दौरा किया और 7 दिनों तक वहीं जमे रहे। इस दौरान उन्होंने 21 जनसभाओं को संबोधित किया।
यही नहीं योगी सरकार के कई मंत्रियों ने भी उनके संसदीय क्षेत्र रहे गोरखपुर और फूलपुर जाकर चुनाव प्रचार किया।
बीएसपी की ओर से एसपी उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने का ऐलान करने के बाद बीजेपी ने अपना प्रचार तेज कर दिया था। बीजेपी ने इस बार उपेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा है, जो एक बार पार्टी से बगावत भी कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ की पसंद पर पार्टी ने उपेंद्र को टिकट दिया था। इसके अलावा आरएसएस काडर का भी बीजेपी को यहां भरोसा है, जिसका गोरखपुर की पांचों लोकसभा सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है।
कितना सफल होगा अखिलेश का महामोर्चा? 
एसपी प्रेजिडेंट अखिलेश यादव ने भी उपचुनाव में पूरा जोर लगा दिया है। ओबीसी मतों के बिखराव को रोकने के लिए उन्होंने निषाद पार्टी, पीस पार्टी, एनसीपी और आरएलडी जैसे दलों के साथ गठजोड़ किया है। गैर-सवर्ण मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्होंने राम गोविंद चौधरी, अरविंद सिंह गोप, उदयवीर सिंह, ललई यादव और बलराम यादव जैसे नेताओं की फौज उतारी थी। देखने वाली बात होगी कि बीएसपी समेत इन दलों का साथ मिलने के बाद अखिलेश की रणनीति चुनावी समर में कितनी कामयाब होती है।
बिहार में किसके हाथ लगेगी बाजी? 
यूपी के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार में भी अररिया लोकसभा सीट और भभुआ एवं जहानाबाद विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है। कहा जा रहा है कि यह चुनाव नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह चुनाव यूपीए की ताकत के अलावा नीतीश के कामकाज का भी परीक्षण होगा।

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