मथुरा। यूपी में बांके बिहारी और इस्कॉन जैसे बड़े मंदिरों में चढऩे वाले फूलों से मथुरा-वृंदावन के विधवा आश्रमों में रहने वाली महिलाएं खास इत्र बनाएंगी। इस इत्र को ‘ब्रजगंधा’ नाम से पेटेंट करवाएगा। महिला दिवस (8 मार्च) पर लोकभवन में होने वाले कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक इस पेटेंट की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इस काम के लिए मशीनों की खरीद, बॉटलिंग और प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च के लिए एक करोड़ 67 लाख रुपये की राशि भी कार्यक्रम में जारी की जाएगी। यह योजना परवान चढ़ सके, इसलिए जिला स्तर पर मंदिरों और आश्रम के बीच एक अनुबंध भी करवाया गया है। इसके तहत मंदिरों में चढऩे वाले फूल महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित विधवा आश्रम में ही दिए जाएंगे। वृंदावन-मथुरा में पांच विधवा आश्रम, महिला कल्याण विभाग की तरफ से चलाए जाते हैं। इनमें तकरीबन 500 महिलाएं रह रही हैं। महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाने की योजना कुछ समय पहले विभाग ने बनाई थी। इसी योजना के तहत आश्रम की महिलाओं का एक समूह बनाया गया। इन महिलाओं को फ्रेगरेंस ऐंड फ्लेवर डिवेलपमेंट सेंटर, कन्नौज में प्रशिक्षण दिलवाया गया। प्रशिक्षण के दौरान ही मंदिरों और विधवा आश्रम के बीच फूलों की आपूर्ति का अनुबंध भी हुआ। विभाग की योजना है कि इस खास इत्र को बेचने के बाद मिली रकम का 20 प्रतिशत मंदिरों को दिया जाएगा। 80 प्रतिशत रकम विभाग इन्हीं महिलाओं के कल्याण में इस्तेमाल करेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार से भी मदद लेगी। केंद्र और राज्य सरकार के मध्यम एवं लघु उद्योग + विभाग में इसे पंजीकृत करवाया जाएगा। इस सिलसिले में केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह से शुक्रवार को महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव की मुलाकात प्रस्तावित है। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री से ब्रजगंधा की मार्केटिंग व प्राइसिंग में जानकारों से मदद दिलवाने का अनुरोध किया जाएगा। विभाग की कोशिश है कि आगे चलकर वाराणसी और मीरजापुर के मंदिरों में भी इस्तेमाल होने वाले फूलों से इत्र बनवाया जाए।
बांके बिहारी को चढ़े फूलों से विधवाएं बनाएंगी इत्र

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