अकसर बच्चे सब्जेक्ट की हर डिटेल नहीं जानते हैं, इसलिए उनको ज्यादा पढने की जरूरत महसूस होती है।
अकसर बच्चे अपनी परफॉरमेंस को ले कर इतने दबाव में आ जाते हैं कि वे इम्तहानों में गडबड कर बैठते हैं। अपने इम्तहानों की तैयारी अच्छी तरह पूरे आत्माविश्वास के साथ करें। ताकि कह सकें कि पूरी तैयारी है। अकसर बच्चे सब्जेक्ट की हर डिटेल नहीं जानते हैं, इसलिए उनको ज्यादा पढने की जरूरत महसूस होती है। उस पर एक निश्चित समय के अंदर पेपर खत्म होना है, यह बात भी चिंता में डालती है।पढाई के दौरान पानी पीते रहें, इसे पानी की कमी नहीं होती। शरीर में पानी की कमी से दिमाग में खून का प्रवाह घटता है, जिससे सिर दर्द के साथ ध्यान नहीं लगता।
अगर आशा के अनुरूप रिजल्ट नहीं आया है, तो बच्चे को अगली बार के लिए ज्यादा फोकस हो कर पढाई करने पर जोर दें। भलेग्रेड खराब आए, पर पढाई कभी बेकार नहीं जाती, उसे इनसान सीखता है।पूरे दिन को सुबह, दोपहर और शाम के हिस्सों में बांट लें। उन टॉपिक की लिस्ट बना लें, जिनको आपको तैयार करना है। जानने की कोशिश करें कि इसमें आपका कितना वक्त लग जाएगा। उबाऊ सब्जेक्ट और दिलचस्प सबजेक्ट का कॉम्बिनेशन बनाकर पढाई करें।उपयुक्त माहौल और पढाई का स्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत होती है। इसके लिए उनका बताया जाए कि वे अपना पेपर किस तरह करेंगे।