लोगों के ‘दर्द’ के प्रति पुलिस संवेदनशील हो : राजनाथ

नयी दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस से कहा कि वह लोगों के ‘दर्द’ के प्रति संवेदनशील हो। उन्होंने इस बात पर गौर किया कि सख्ती और बल का प्रयोग कभी-कभी ‘प्रतिकूल’ हो सकता है। खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित वार्षिक ‘एन्डॉमेंट लेक्चर’ में गृह मंत्री ने कहा कि लोगों को आम जनता की समस्या के प्रति अवश्य संवेदनशील होना चाहिये और उनके ‘दर्द’ को महसूस करने की क्षमता विकसित करनी चाहिये। उन्होंने कहा, पुलिस को लोगों का दर्द कम करने में अवश्य भूमिका निभानी चाहिये। भले ही पुलिस कभी-कभार बल का प्रयोग करती है लेकिन सख्ती या काफी अधिक बल का प्रयोग करना कभी-कभी प्रतिकूल हो सकता है।इस कार्यक्रम में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और खुफिया अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पुलिसिंग में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की पुरजोर वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि अपराधियों से निपटने में प्रौद्योगिकी को अपनाने का कोई विकल्प नहीं है। अपराधी भी अपराध को अंजाम देने में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि पुलिस प्रौद्योगिकी के मामले में आधुनिक हो। साथ ही उसके पास कठिन घड़ी में सूचना पाने की क्षमता होनी चाहिये। गृह मंत्री ने देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की बेहद कम मौजूदगी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति को सुधारना होगा क्योंकि देश की 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस को अधिकार क्षेत्र के मुद्दों को लेकर परेशान नहीं होना चाहिये और अपना काम करना चाहिये और जब भी जरूरत पड़े पड़ोस के क्षेत्रों के अपने समकक्षों के साथ सूचना साझा करनी चाहिये। उन्होंने कहा, हमें अवश्य इस बात को याद रखना चाहिये कि पुलिस अलग-थलग रहकर काम नहीं कर सकती।युवाओं के चरमपंथीकरण की समस्या का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इस समस्या की ‘वैश्विक चुनौती’ है और इससे निपटने के लिये संयुक्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने देश में साइबर अपराध से निपटने के लिये समयबद्ध कार्रवाई का भी समर्थन किया क्योंकि समस्या बढ़ रही है। गृह मंत्री ने पुलिस बल के कल्याण की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कांस्टेबलों को भी अपने करियर में पर्याप्त पदोन्नति के अवसर मिलने चाहिएं।

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