उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन: प्राइवेट नर्सिंग होम्स के लिए अलग से मंत्रालय अथवा आयोग बनाया जाए जिसमे डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाए:

प्रो. सत्येन्द्र कुमार सिंह ( एसोसिएट एडीटर-आई सी एन ग्रुप ) & डॉ संजय श्रीवास्तव ( असिस्टेंट एडिटर-आई सी एन ग्रुप )  

लखनऊ।आज उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रांगन में किया गया| इस अवसर पर डॉ. अजित सहगल अध्यक्ष उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन, डॉ. सतीश कुमार भसीन पैट्रन उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन, डॉ. देवेश मौर्या सचिव उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन तथा डॉ. अनूप अग्रवाल सचिव लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन मंच पर उपस्थित थे और प्रश्नों का उत्तर दिया|

मेडिकल सेक्टर की समस्याओं के बारें में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए डॉ. अजित सहगल ने बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में बहुत समस्याएं हैं| जहाँ एक ओर बढती जनसँख्या का दबाव है वहीँ डॉक्टर्स पर होने वाले आक्रमण से वे बड़े आशंकित हैं| इन सब के मध्य मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन की स्थापना जिसमे नियम बनाने में डॉक्टर्स का कोई प्रतिनिधितत्व ही नहीं है, उन्हें आश्चर्यचकित करती है| उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी नीति निर्माण में डॉक्टर्स का होना आवश्यक है|

क्लिनिकल एस्टेब्लिश्मेंट एक्ट के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉ अनूप अग्रवाल ने निम्न मांग के बारे में बताया:

  1. नेशनल मेडिकल कमीशन में बदलाव कर के डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाए
  2. नए नियम भविष्य में बनने वाले नर्सिंग होम्स पर ही लागू हों और पुराने नर्सिंग होम्स को नियमित किया जाए
  3. लैंड यूज कन्वर्जन शुल्क स्थापना के वर्ष के अनुसार ही लगाया जाए
  4. पार्किगं की व्यवस्था सरकार द्वारा किया जाए जैसे कि वकील आदि के किया जाता है
  5. NOC प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था किया जाये जिससे कि सारे सम्बंधित विभागों से NOC जल्दी मिल सके
  6. सामान्य लिपिक गलतियों के लिए सख्त सजा ना हो इसके लिए पी.एन.डी.टी.सी. एक्ट में बदलाव किया जाए
  7. सी.एम.ओ. रजिस्ट्रेशन कम से कम ५ साल का हो
  8. किसी भी शिकायत हेतु जांच समिति में डॉक्टर्स का होना अनिवार्य बनाया जाए
  9. डॉक्टर्स तथा नर्सिंग होम्स पर होने वाले हिंसा के लिए मरीज़ तथा उनके सम्बन्धियों पर सख्त कार्यवाही किया जाए
  10. राज्य स्तर पर स्वास्थ्य प्राधिकरण को बनाया जाए जिसका मुख्य उद्देश्य डॉक्टर्स तथा नर्सिंग होम्स की समस्याओं का निवारण के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना भी हो
  11. प्राइवेट नर्सिंग होम्स के लिए अलग से मंत्रालय अथवा आयोग बनाया जाए जिसमे डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाए| ताकि सही नियम आदि का निर्माण हो सके

डॉ सतीश कुमार भसीन ने डॉक्टर्स पर बढ़ते अविश्वास के ऊपर अपनी चिंता को व्यक्त किया| उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स भी इंसान है और उनकी भी अपनी निजी ज़िन्दगी है| अपने कर्तव्य के लिए समय का ख्याल न रखने वाले डॉक्टर्स पर जब हिंसा होती है तो बड़ा कष्ट होता है|

डॉ देवेश मौर्या ने कहा कि जहाँ एक ओर लोगों का भरोसा डॉक्टर्स से हट रहा है वही सरकार इस क्षेत्र में इंस्पेक्टर राज लाना चाहती है| अगर ऐसा ही रहा तो आने वाली जेनरेशन इस क्षेत्र में आने से कतराने लगेंगे|

Share and Enjoy !

Shares

Related posts