बिटकॉइन गुड्स है या सर्विस? आईटी डिपार्टमेंट ढूंढ रहा है जवाब

मुंबई। भारत में काम कर रहे बिटकॉइन एक्सचेंजों की इनडायरेक्ट टैक्स डिपार्टमेंट ने जांच शुरू की है। यह जांच इसका पता लगाने के लिए हो रही है कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) रिजीम के तहत इन पर किस रेट से टैक्स वसूलना चाहिए। इस मामले की सीधी जानकारी रखने वालों ने यह बात कही है। इससे पहले डिपार्टमेंट ने जेबपे, यूनोकॉइन और कॉइनशेयर जैसे बिटकॉइन एक्सचेंजों का बुधवार को सर्वे किया था।
इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों के मुताबिक, जांच एक महीना पहले शुरू हुई थी। बिटकॉइन एक्सचेंजों के टॉप एग्जिक्युटिव्स और प्रमोटरों से बिजनस मॉडल के बारे में बताने के लिए कहा गया था। हम पता लगा रहे हैं कि पिछले वित्त वर्ष में उनकी कमाई पर कितना सर्विस टैक्स या वैल्यू ऐडेड टैक्स लगाया जा सकता है। इस मामले की सीधी जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया, इन स्टार्टअप्स पर सेल्स टैक्स की तस्वीर साफ नहीं है क्योंकि वे जिस प्रॉडक्ट में डील करते हैं, उसकी परिभाषा मौजूदा टैक्स कानून में नहीं है। उन्होंने बताया, अब तक किसी भी बिटकॉइन स्टार्टअप ने इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दिया है।
देश के टॉप 7 बिटकॉइन एक्सचेंजों में से एक के सीनियर एग्जिक्युटिव ने डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों की तरफ से पूछताछ की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि टैक्स और बिजनस मॉडल को लेकर उनसे सवाल-जवाब किया जा रहा है। उन्होंने कहा, इनडायरेक्ट टैक्स डिपार्टमेंट जहां मध्य नवंबर से सीनियर एग्जिक्युटिव्स को फोन कर रहा है, वहीं डायरेक्ट टैक्स अधिकारियों ने दो हफ्ते पहले से हमसे संपर्क करना शुरू किया है। बिटकॉइन सबसे पॉप्युलर डिजिटल करंसी है। इस वर्चुअल करंसी से एक इंसान किसी दूसरे शख्स को सीधे भुगतान कर सकता है, उसे इसके लिए किसी फाइनैंशल इंटरमीडियरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कई कंपनियां अब बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करने लगी हैं। इसलिए ऐसी क्रिप्टोकरंसी की मांग बढ़ रही है। वर्चुअल करंसी पर सरकार का कंट्रोल नहीं होता। इसलिए इसमें लेनदेन का पता लगाना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है। बिटकॉइन को लेकर इन दिनों निवेशकों में काफी दिलचस्पी देखी जा रही है। इसकी वैल्यू 2017 में ही 1,700 पर्सेंट बढ़ चुकी है। एक बिटकॉइन की वैल्यू पिछले शुक्रवार शाम को 17,900 डॉलर यानी 11.46 लाख रुपये थी। दूसरी चीजों के अलावा, टैक्स डिपार्टमेंट यह जानना चाहता है कि बिटकॉइन करंसी है, गुड्स है या सर्विस? इसी हिसाब से इस पर टैक्स तय होगा।
इस बारे में पीडब्ल्यूसी में इनडायरेक्ट टैक्स के नैशनल लीडर प्रतीक जैन ने बताया, बिटकॉइन को शायद करंसी ना माना जाए क्योंकि इसे देश में कानूनी तौर पर करंसी की मान्यता नहीं मिली हुई है। उन्होंने कहा, इसलिए इस पर वैट या जीएसटी लगाया जा सकता है। अगर इसे किसी विदेशी ग्राहक को बेचा जाता है तो उसे एक्सपोर्ट भी माना जा सकता है। हालांकि, बिटकॉइन एक्सचेंजों के बिजनस को सर्विस माना जा सकता है क्योंकि उन्हें ट्रांजैक्शन पर कमीशन मिलता है।

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