नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष का पद राहुल गांधी को सौंपने के बाद देश के लोगों के सामने जब सोनिया गांधी रुबरु हुई तो वह काफी भावुक नजर आयीं। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में सिर्फ इसलिए आयी क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि राजीव गांधी और इंदिरा का बलियान यूं ही व्यर्थ चला जाए। सोनिया ने कहा कि वह देश के प्रति कर्तव्यों को समझते हुए राजनीति में आयी थी और जब तक वह अध्यक्ष पद पर रहीं सभी कार्यकर्ताओं ने उनका पूरा साथ दिया। सोनिया ने कहा कि वह साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनी थी। सोनिया ने कहा कि जिस वक्त वह पार्टी अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ली थी उस वक्त देश के सिर्फ तीन राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन, उन्होंने अपने पति के साथ देश घूमते वक्त यहां की चुनौतियों के बारे में भलीभांति जाना था। भावुक सोनिया ने अपने पुराने दिनों की याद करते हुए कहा कि जिस वक्त राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी उनसे उनका सहारा छिन चुका था। लेकिन, उनकी सास इंदिरा ने उन्हें बेटी की तरह रखा। उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी काफ ी मजबूत है। उन्हें ये मजबूती उनके ऊपर किए गए व्यक्तिगत हमलों ने बनाया है। सोनिया ने मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उस करारा हमला किया। सोनिया ने केन्द्र सरकार पर परोक्ष तौर पर हमला करते हुए यह आरोप लगाया कि आज संवैधानिक संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा लेकिन इन सब से ना ही हम डरेंगे और ना ही झुकेंगे।
भावुक सोनिया ने कहा-इंदिरा और राजीव का बलिदान व्यर्थ ना जाए इसलिए राजनीति में आयी
