जीएसटी की बैठक, ई-वे बिल और कर चोरी जैसे गंभीर विषयों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। शनिवार को जीएसटी परिषद 24वीं बैठक करने जा रही है। इस बैठक में काउंसिल ई-वे बिल लागू करने और कर चोरी के तरीको को काबू करने के प्रयासों पर चर्चा करेगी। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे। जेटली बैठक को वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। इस बैठक में व्यवस्था में मौजूद कमियों पर फ ोकस किया जाएगा और उन्हें किस तरह दुरस्त किया जा सकता है इस विचार विमर्श किया जाएगा। बता दें कि अक्टूबर में टैक्स चोरी की वजह से गुड्स ऐंड सर्विसेज के संग्रहण में कमी दर्ज की गई है, बैठक में इस कमी पर मह्तवपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। गौरतलब है कि अक्टूबर में जीएसटी संग्रह सितंबर की तुलना में करीब 12,000 करोड़ रुपए कम है। सितंबर में टैक्स कलेक्शन 95,131 करोड़ रुपए था, जबकि अक्टूबर में यह घटकर 83,346 करोड़ रह गया। इसकी एक वजह तो टैक्स रेट में कमी है, दूसरी मुख्य वजह कर चोरी बताई जा रही है। जेटली ने कहा था, जीएसटी काउंसिल ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए ई-वे बिव व्यवस्था तय की है। मेरे ख्याल से ई-वे बिल की समय सारणी के बारें में काउंसिल ने कुछ फैसले लिए हैं। जीएसटी के तहत 50,000 रुपये से अधिक माल की ढूलाई के लिए ई-वे बिल जरुरी है। समान भेजने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों को जीएसटी पोर्टल पर इसकी जानकारी देनी होगी। इससे एक यूनिक बिल जेनरेट होगा। राज्य में 10 किलोमीटर के अंदर इस बिल की जरूरत नहीं होगी। बिल की मान्यता इस बात पर निर्भर करेगी कि सामान को कितनी दूर ले जाना है और उसमें कितना समय लगेगा। सूत्रों के अनुसार सरकार इस व्यवस्था को 1 जनवरी से लागू करने की तैयारी में है और जो राज्य इस समय सीमा में इस लागू करने में असमर्थ होंगे उनके लिए सरकार  टैक्स इनवॉयस की व्यवस्था करेगी। इन राज्यों में माल ले जाने वाले को टैक्स इनवॉयस अपने पास रखना होगा। फि लहाल सरकार इस व्यवस्था को छह राज्यों में लागू करने की सहमति में है। बता दें कि यह काउंसिल की 24 वीं बैठक है। इससे पहले नवंबर महीने में गुहावटी में हुई थी। उसमें 211 वस्तुओं पर टैक्स रेट घटाए गए थे।

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