नयी दिल्ली। भारत और रूस के बीच एस-400 ट्रायम्फ हवाई रक्षा प्रणाली की डील जल्द ही फाइनल हो सकती है. इस पर गहनता से चर्चा चल रही है. भारत की सैन्य प्रणाली में एस-400 के शामिल होने से उसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्जूज एजेंसी को इस संबंध में जानकारी दी है. रूस की सरकारी रक्षा एवं औद्योगिक समूह रोस्टेक के अधिकारी विक्टर एन क्लादोव के अनुसार इस समय इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है कि भारत एस-400 ट्राइम्फ हवाई रक्षा प्रणाली कितनी संख्या में खरीदेगा। यह पूछे जाने पर कि सौदे को लेकर डील पर कब तक हस्ताक्षर होंगे क्लादोव ने कहा, श्जितनी जल्दी डील के लिए दस्तावेज तैयार कर लेंगे उतनी ही जल्द इस पर हस्ताक्षर कर लिए जाएंगे। आने वाले दिनों में किसी भी समय यह हो सकता है। इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है। भारत ने पिछले साल 15 अक्तूबर को रूस के साथ ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली को लेकर एक समझौते की घोषणा की थी जिसकी कीमत 5 अरब डॉलर से ज्यादा है। भारत ने इसके साथ ही 4 युद्धपोत निर्माण में सहयोग और कामोव हेलिकॉप्टर के लिए एक संयुक्त निर्माण इकाई स्थापित करने की भी घोषणा की थी।रूसी अधिकारी ने बताया कि भारत से तकनीकी मुद्दों पर बातचीत चल रही है। दोनों देशों की टीमें बातचीत में काफी मेहनत कर रही हैं। यह अति आधुनिक प्रणाली है, इसमें कई तकनीकी मुद्दों को देखा जाना है। भारत और रूस के बीच इस अहम रक्षा सौदे का ऐलान पिछले साल गोवा में आयोजित समिट के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन के बीच बातचीत के बाद हुआ था। एस-400 ट्रायम्फ लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम में दुश्मन के आने वाले लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि 400 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन को नष्ट कर सकता है।
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