इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ तथा आई.सी.एन. डिजिटल मीडिया ग्रुप ने संयुक्त रूप से I.M.A. Voice का आयोजन किया

लखनऊ| आई.एम.ए. भवन, लखनऊ में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन तथा आई.सी.एन. डिजिटल मीडिया ग्रुप ने संयुक्त रूप से I.M.A. Voice का आयोजन किया| इस अवसर पर उपस्थित डॉक्टर्स तथा आई.सी.एन. डिजिटल मीडिया ग्रुप के सदस्यों ने हेल्थ सेक्टर से सम्बंधित अनेक मुद्दों पर गहन चर्चा किया|

इस कार्यक्रम को डॉ. पी.के. गुप्ता अध्यक्ष आई.एम.ए. लखनऊ, प्रो. जे.डी. रावत सचिव आई.एम.ए. लखनऊ, डॉ. देवेश मौर्या सचिव यू.पी.नर्सिंग होम एसोसिएशन डॉ. रमा श्रीवास्तवा उपाध्यक्षा आई.एम.ए. लखनऊ ने अपनी विशेष उपस्थिति से गौरवान्वित किया| कार्यक्रम का संचालन डॉ. शाज़िया इसरार एसोसिएट एडिटर आई.सी.एन. ने किया|

डॉ. शाह अयाज़ सिद्दीकी एडिटर-इन-चीफ आई.सी.एन. ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए डॉक्टर्स के समस्याओं को उजागर किया| डॉ. वारिजा सेठ ने शारीरिक बिमारियों के अलावा सामाजिक स्तर पर व्याप्त व्याधियों के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को अपने विचारों को स्वस्थ रखना चाहिए तभी एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना सार्थक हो सकती है|

कार्यक्रम में डॉ. अलीम सिद्दीकी ने कहा कि डॉक्टर भी एक इंसान है तथा लोगों की सेवा करते हुए उसे 24 X 7 कार्य करना पड़ता है| फिर भी अनेक अवसर पर लोगों के द्वारा दर्शाए गए कटु व्यवहार से डॉक्टर्स को बहुत कष्ट होता है| समाज की इस महत्वपूर्ण कड़ी को खत्म होने से बचाने हेतु लोगों को डॉक्टर्स पर अपना विश्वास बनाये रखना चाहिए|

इस परिचर्चा में अनेक सम्मानित लोगों ने फ़ोन से भी सवाल पूछे तथा अपने विचार रखे| डॉक्टर्स ने अपनी व्यथा पर उदासीन प्रशासनिक तन्त्र तथा सरकार से यथाशीघ्र संज्ञान लेने के लिए कहा जिसके प्रमुख बिंदु निम्न्वतहैं:

१. डॉक्टर्स एवं मेडिकल संस्थानों पर हिंसा, मार-पीट एवं तोड़-फोड़ के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाया जाये|

२. प्रस्तावित क्लिनिकल इस्तेब्लिस्मेंट एक्ट में संशोधन कर छोटे मेडिकल संस्थानों को एक्ट की परिधि से बाहर किया जाए|

३. पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट में संशोधन कर लिपिकीय त्रुटि को कानूनी अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए|

४. मेडिकल नेगलिजेंस के मामलों में उपभोक्ता द्वारा दायर क्षतिपूर्ति की राशि को  न्यायसंगत बनाया जाए|

५. आवासीय क्षेत्र में चलने वाले क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर तथा नर्सिंग होम को आवश्यक जनसुविधाओं के अंतर्गत रखकर लैंड यूज़ चेंज की परिधि से बाहर किया जाये|

६. चिकित्सीय व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए डॉक्टर्स का अलग से प्रशासनिक कैडर बनाया जाये|

इस पैनल डिस्कशन कार्यक्रम में डॉ. पी.के. गुप्ता, प्रो. जे.डी. रावत, डॉ. देवेश मौर्या, डॉ. रमा श्रीवास्तवा, डॉ. वारिजा सेठ, डॉ. मनीष टंडन, डॉ. अलीम सिद्दीकी, डॉ. प्रांजल अग्रवाल के अतिरिक्त ब्यूरो-चीफ डॉ. वासु सिंह, डिप्टी एडिटर सुशांत कुमार सिंह तथा प्रो. सत्येन्द्र कुमार सिंह, असिस्टेंट एडिटर डॉ. संजय श्रीवास्तव तथा डॉ. अभिनव चौधरी भी उपस्थित थे|

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