एनजीटी प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने तकरीबन 25 हुक्का बार मालिकों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी में हुक्का बार संचालकों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। आदेश के बाद भी उपस्थित नहीं होने पर ट्रिब्यूनल को सख्ती दिखानी पड़ी है। शहर के कई रेस्टोरेंट और बार को हुक्का की सुविधा देने की अनुमति दी गई है। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह कदम उठाया है। मामले पर अंतिम सुनवाई चार दिसंबर को होगी। एनजीटी प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने तकरीबन 25 हुक्का बार मालिकों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। उन्हें चार दिसंबर से पहले अपना पक्ष रखने को कहा गया है। ट्रिब्यूनल ने स्थानीय प्रशासन से इन रेस्टोरेंट और बार का सख्ती से नियमन करने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि किसी भी तरह का प्रदूषण होने की स्थिति में इसे बंद करने का आदेश दिया जा सकता है। भाजपा विधायक सिरसा ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि हुक्का बार की वजह से शहर के हजारों युवा नशीले पदार्थो के आदी हो रहे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार की नींद नहीं खुल रही है। सिरसा ने अपनी अर्जी में रेस्टोरेंट और बार में हवा को बेहद खतरनाक बताया है। एनजीटी ने नौ अक्टूबर को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और हुक्का बार के मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सिरसा ने अपनी अर्जी में निर्धारित प्रावधानों के तहत पर्यावरण मंत्रालय को उचित निर्देश देने की मांग की थी।