हाथ नहीं फैलाएंगे हम भी पढ़ने जाएंगे

पूर्णिमा दुबे
सेवा भारती ने चिथरिया बस्ती के भीख मांगने वाले बच्चों का किया स्वास्थ्य परीक्षण
फ़ैज़ाबाद। सेवा भारती अयोध्या महानगर के स्वास्थ्य सेवा प्रकल्प ने सेवा बस्ती के रूप में चिथरिया का चयन किया जहां मंदिरों के सामने भीख मांगने वाले बच्चे और उनके परिवार रहते है। समाज की मुख्य धारा से अलग थलग ये परिवार गंदगी , गरीबी अशिक्षा और बच्चे कुपोषण व उससे होने वाली तमाम अन्य बीमारियों के शिकार हो सकते है इसलिए उनमे शिक्षा संस्कार और स्वच्छता के जरिये स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाकर बच्चों को सरकारी विद्यलयों में भेजने हेतु अभिभावकों को प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ सेवाभारती ने टीम का गठन किया जिसमें महानगर स्वास्थ्य सेवा प्रमुख डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी, डॉ रजनीकांत पाण्डेय, डॉ योगेश उपाध्याय, डॉ प्रेमचन्द्र पाण्डेय (मंत्री), पुनीत वर्मा, डॉ आभा सिंह, डॉ सौरभ दीक्षित को शामिल किया गया । टीम ने बस्ती में जाकर बच्चो व उनके अभिभावकों से बात की, उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और शिक्षा के लिए क्लास लगाकर पढ़ाई भी कराई। महज दो हफ़्तों में ही बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन और उत्साह देखने लायक था। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी का आकलन है कि सभी बच्चों का बचपन एक सा होता है किंतु जिस तरह के माहौल में यह बच्चे पल रहे हैं उसमें सिर्फ भोजन की येन केन प्रकारेण व्यवस्था और सोने के लिए कैसा भी बिस्तर तक ही इनकी आवश्यकता सिमट गई है, साथ ही परिवार की गरीबी, माता पिता की डांट फटकार, समाज का तिरस्कार और उपेक्षा झेलते इस बचपन का विकास जब युवा होता है उसमें नकारात्मक वृत्तियां अपना स्थान बना लेती हैं जो इन्हें अपराध की तरफ आसानी से मोड़ सकती हैं।किंतु वर्तमान में तो कुपोषण और गंदगी से होने वाली बीमारियों का खतरा अधिक है।ज्यादातर बच्चों में पेट दर्द, जुकाम , बुखार की , आंख से पानी आने, कुछ में गलसुये की समस्याएं मिलीं। डॉ प्रेमचन्द्र पाण्डेय ने बच्चो को एक से लेकर सोलह तक गिनती और ए से एफ तक अंग्रेजी के वर्णमाला कंठस्थ कराई। बच्चो को प्रोत्साहित रखने के लिए डॉ त्रिपाठी ने  हाथ न फैलाकर लेने की सीख के साथ टॉफियां दीं, और कुछ बच्चो को सर्दी जुकाम आदि की दवाएं उपलब्ध कराई गई।उनके अभिभावकों को नशे से दूर रहने की हिदायत भी दी गयी। डॉ आभा सिंह ने बच्चों को कथाएं और कहानियां सुनकर प्रोत्साहित किया।

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