सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर सुरक्षित रखा फैसला

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति का मामला
नई दिल्ली । सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर होने वाली सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में विशेष निदेशक के रूप में गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि उनका बेटा एक निजी फर्म में कार्यरत है जिसकी सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है।
न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ से याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज के वकील ने कहा कि कंपनी कथित रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त है और सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उसने भारत में कई फर्जी कंपनियां और बेनामी कंपनियां खोलीं हैं। अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा गया है, याचिकाकर्ता के वकील को पता चला कि प्रतिवादी संख्या दो अस्थाना का बेटा 2010 से 2012 के बीच स्टर्लिंग बायोटेक में सहायक प्रबंधक रहा था।
याचिका में आरोप लगाया गया कि अस्थाना की नियुक्ति का फैसला अवैध और एकतरफा है और इसमें दावा किया गया कि सीबीआइ एक मामले की जांच कर रही है जिसमें अस्थाना का नाम सामने आया है। अस्थाना की नियुक्ति के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अदालत से मांग की थी कि अस्थाना के खिलाफ सीबीआई जांच पूरी होने तक उन्हें विभाग से बाहर रखा जाए।
याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को अवैध और मनमाना बताते हुए उनकी नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी मांग की गई है कि केंद्र को कोर्ट निर्देश दे कि जांच होने के दौरान अस्थाना का तबादला एजेंसी से बाहर किया जाए। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार और चयन समिति ने कानून का उल्लंघन करते हुए  सीबीआई निदेशक के विचार को दरकिनार कर दिया। सीबीआइ में निदेशक पद के बाद विशेष निदेशक का पद दूसरा बड़ा पद होता है और वह एजेंसी द्वारा देखे जा रहे लगभग सभी महत्वपूर्ण मामलों का निरीक्षण करता है।

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