भारत और श्रीलंका के बीच भिड़ंत 24 को

नागपुर। नागपुर के जामथा में स्थित विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) का मैदान आठ साल में छठा ‘टेस्ट’ देने जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह मैदान परिणाम के लिहाज से कई बार विवादों में रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले साल यहां खेला गया पिछला टेस्ट सिर्फ तीन दिन में समाप्त हो गया था वहीं, 2010 में दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट चार दिनों में पूरे हुए थे। अब यहां 24 नवंबर से भारत और श्रीलंका की टीमों की भिड़ंत होगी। दोनों टीमें पहली बार इस मैदान में एक-दूसरे के सामने होंगी। अब तक यहां खेले गए पांच टेस्ट मैचों में से भारत ने तीन जीते हैं, एक हारा है, जबकि एक ड्रॉ रहा है। भारतीय टीम को श्रीलंका से सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल दौरे पर जाना हैं, जहां पिचों की तेजी और उछाल का सामना करने की श्रीलंका के खिलाफ सीरीज से की जा रही है। कोलकाता टेस्ट में भी तेज गेंदबाजों का मददगार विकेट था, जिस पर श्रीलंका की पहली पारी में सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने चटकाए थे। भारत में 34 साल में ऐसा पहली बार हुआ था। अब नागपुर में भी जिस अंदाज में विकेट तैयार किया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि यहां भी तेज गेंदबाज ही विकेटों की फसल काट सकते हैं।  द. अफ्रीका दौरे को देखते हुए भारत ने घास वाली पिच तो तैयार कर ली है, लेकिन कहीं अगली सीरीज़ की ये तैयारी टीम इंडिया पर भारत में भारी न पड़ जाए। कोलकाता टेस्ट के पहले दिन हरी घास वाली पिच पर लकमल ने अपनी गेंदों से भारत के टॉप आर्डर को धराशाई कर दिया था। लकमल ने मैच की पहली ही गेंद पर लोकेश राहुल को पवेलियन की रहा तो दिखाई ही थी साथ ही साथ दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ों को उनकी गेंदों को समझने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम कोलकाता से जो आत्मविश्वास लेकर आई है वो नागपुर में विराट सेना पर ही कहीं भारी न पड़ जाए।

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