जनता के बीच, जनता का सीएम : अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल
डॉ प्रांजल अग्रवाल ( असिस्टेंट एडिटर-आई सी एन ग्रुप )
हिमांचल प्रदेश एवं गुजरात विधान सभाओं में चुनाव सर पर है | एक तरफ जहाँ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी अपना पूरा जोर लगाये हैं, ये देखना महत्वपूर्ण होगा की इन दोनों पार्टियों और पाटीदार समाज के इस दंगल में किसका होगा मंगल, और किसके हाथ लगेगा कमंडल  | पर इसी बीच एक पार्टी – आम आदमी पार्टी और उसके नेता और सयोंजक अरविन्द  केजरीवाल की बात करना ज़रूरी होगा |
चुनाव के पहले नेता हाथ जोड़ कर जनता के बीच वोट मांगने जाते हैं | तरह तरह के पोस्टर और विज्ञापनों में अपने वादे करते हैं, गरीबों के झुग्गियों में खाने खाने से ले कर हर वो काम करते हैं जिससे वो जनता को अहसास दिला सकें की वो उन्ही के बीच में से एक हैं | चुनाव के तुरंत बाद, जैसे ही सत्ता हाथ लग जाती है, पता नहीं क्या हो जाता है, और यही जनता ठीक चुनाव के पहले के उलट, इन नेताओं जिनको उन्होनें वोट दे कर जीता कर भेजा है, के दरवाजों पर हाथ जोड़ कर कड़ी रहती है, और नेता जी अपनी बड़ी बड़ी गाड़ियों में बैठ कर निकल जाते हैं |
केजरीवाल
 रविवार १२ नवम्बर २०१७ की सुबह का है, जहाँ देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल सुबह ही जनता के बीच उनकी समस्याओं को सुनने और उनका निवारण करने पहुच गए | दिल्ली सरकार के हर विधायक को हर रोज़ जनता से मिलने का समय अपने कार्यालय पर देना आवश्यक किया गया है एवं रविवार को जनता के बीच जा कर समय देना अनिवार्य है | इसी को आगे बढाते हुए मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल राजीव गाँधी कैंप, नई दिल्ली में जनता के बीच पहुच कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए देखे गए |
यदि देश का हर नेता, हर विधायक, हर मंत्री जनता के बीच रहे, जनता की आवाज बने तो शायद इस देश को तरक्की करने से कोई रोक नहीं सकता | बंद ऐ.सी. कमरों में बैठ कर शासन करने से बेहतर होगा अगर हर व्यक्ति अपने कम्फर्ट जोन में से बाहर निकल कर ग्राउंड जीरो पर पहुच कर जनता की समस्याओं को ध्यान देगा | तभी प्रजातंत्र के असली मायने सामने आयेंगे |

Share and Enjoy !

Shares

Related posts