सिर्फ शाकाहारी और शराब न पीने वाले छात्रों को ही मिलेगा गोल्ड मेडल

योगा गुरु योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलार उर्फ शेलार मामा के नाम पर इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई थी।
पुणे। पुणे यूनिवर्सिटी की ओर से किया गया एक फैसला आगे चलकर विवाद का विषय बन सकता है। यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल उन लोगों को देने की वकालत कर रही है जो शाकाहारी हैं और शराब नहीं पीते हैं। पुणे की सावित्रीबाई फूले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) की ओर से जारी आधिकारिक बयान को पढऩे के बाद तो कम से कम यही लगता है। यूनिवर्सिटी की ओर से साल 2006 से गोल्ड मेडल दिया जा रहा है।
छात्रों में अंतर करने से इनकार
एसपीपीयू की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘हम शाकाहारी और मांसाहारी में कोई अंतर नहीं करते हैं। यूनिवर्सिटी इस बात पर कोई नजरिया नहीं रखती है कि किसी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं जहां तक मेडल शाकाहारी और शराब न पीने वाले लोगो को देने की बात है, इस पर मेडल देने वाले स्पॉन्सर्स के साथ बात करके कोई फैसला लिया जाएगा। एसपीपीयू ने हाल ही में साल 2016-17 के लिए गैर-विज्ञान संकाय वाले मेरिट पोस्ट ग्रेजुएट्स छात्रों से मेडल के लिए एप्लीकेशंस मांगी थी।
शाकाहारी छात्रों को गोल्ड मेडल देने की बात तब से ही चर्चा में है। योगा गुरु योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलार उर्फ शेलार मामा के नाम पर इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई थी। एसपीपीयू ने संबद्धित कॉलेजों और विभागों से मेडल के लिए एप्लीकेशन मांगी हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है जो छात्र मेडल् के लिए अप्लाई कर रहे हैं, ‘वे शाकाहारी हों और शराब न पीते हों।

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