लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत और पाकिस्तान के लोगों को अपनी संपत्तियां किराए पर देने पर ब्रिटिश मकान मालिक के प्रतिबंध को गैरकानूनी ठहराया है। ब्रिटिश मकान मालिक ने यह रोक इसलिए लगाई थी क्योंकि ये किरायेदार कढ़ी पकाते थे और इसकी महक फैलती थी। दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट में फर्गेस विल्सन की सैकड़ों संपत्तियां है। हालांकि विल्सन ने नस्लभेदी होने से इनकार किया था, लेकिन मेडस्टोन काउंटी की अदालत ने इस हफ्ते उसकी इस नीति के खिलाफ आदेश दिया, जिससे वह यह कानूनी लड़ाई हार गया। आदेश में कहा गया है कि विल्सन भारतीय या पाकिस्तानी लोगों को संपत्तियां किराए पर देने से रोकने के लिए एक किराया नीति लागू नहीं कर सकता है। यदि आदेश का उल्लंघन किया गया और उसे अदालत की अवमानना करते हुए पाया तो उसे जेल हो सकती है या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। 69 साल के मकान मालिक और पूर्व बॉक्सर ने समानता और मानवाधिकार आयोग (ईएचआरसी) के खिलाफ अदालत में खुद का बचाव किया। ईएचआरसी ने इस नीति को चुनौती दी थी।
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