लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब गाय की हत्या करने वालों को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गौ रक्षा पर आयोजित विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में साफ कहा कि गाय की हत्या करने वालों को अब जेल जाना ही होगा। कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं की जाएगी। लखनऊ के निराला नगर में विश्व हिंदू परिषद के सम्मलेन में आज गौ हत्या पर बेहद गरम बहस हुई। इसमें हजार के करीब प्रतिनिधि पहुंचे हैं। विश्व हिंदू परिषद परिषद के कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे। यहां उन्होंने गौ-रक्षा पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा गौ-रक्षा एक पवित्र कार्य है। हम तो इसमें लगे हैं। गौ-रक्षा व गौ संवर्धन हमेशा से ही मुद्दा रहा है। यह भारतीयों के लिए मुद्दा रहा है। उन्होंने कहा गाय की हालत किसी से छुपी नहीं है। सड़कों पर उनकी हालत किसी से छुपी नही है। उन्होंने कहा कि यूपी में गौ-हत्या करने वालों की जगह अब जेल है। शास्त्रों में गौ-माता की उपयोगिता बताई गई है। सरकार को आगे आ गई है, अब समाज को गौ-माता की देखभाल के लिए आगे आना चाहिए। यहां पर गौ-पालक गाय का दूध निकालकर गायों को सड़कों पर छोड़ देता हैं। उन्होंने कहा कि गौ-सरंक्षण के साथ गौसंवर्धन की जरूरत है। अब गौ नस्ल सुधार की भी आवश्यकता है। भारतीय गौ-नस्ल खत्म होती जा रही है। यहां पर गौ-चर भूमि पर कब्जे हैं। अभी तक तो कोई अभियान नहीं चला। गाय के प्रति लोगों को जागरुक नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग दूध पीकर गायों को सड़क पर छोड़ देते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर चीज को सरकार पर छोड़ देने से आंदोलन सफल नहीं होता है। एक परिवार के साथ एक गौ-वंश से 30 करोड़ गौसंरक्षित हो सकती है। यह प्रदेश में पहली सरकार जिसने अवैध बूचडख़ाने बंद किये। सार्थक दिशा में गौ-रक्षण से बड़ी गौ-रक्षा नहीं हो सकती। नंदी हमारे लिए कई कारणों से उपयोगी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह हो कि गाय सड़कों पर प्लास्टिक ना खाने पाए। जगह-जगह सड़क पर गायों को छोडऩा समस्या है। कोई भी सरकार गौ-शाला का संचालन नहीं कर सकती है। स्थानीय स्तर पर कमेटी बनाकर संचालन हो, सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के खोलने के लिए सर्वे के काम पूरे हो चुके हैं। बुंदेलखंड के अलावा यूपी के दूसरे इलाकों में भी गौ-शाला खोली जाएंगी। गोचर भूमि को चिन्हित कर रिसर्च सेंटर बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज जागरूक होगा तभी गौ-रक्षा तथा गौ-सरंक्षण आंदोलन सार्थक होगा। गोवंश पर आधुनिक शोध के अच्छे परिणाम आए हैं। गोरक्षण को जैविक खेती से जोड़ सकते हैं। आज तेजी से जैविक खेती की जरूरत है। हमारी सरकार हर प्रकार से जैविक खेती को बढ़ावा देगी।
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