मदरसों में ऐच्छिक विषय के तौर पर पढ़ाए जाएंगे नए विषय: चौधरी

लखनऊउत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि सरकार मदरसों के पाठयक्रम में तकनीकी शिक्षा व नए कोर्स शामिल कर वहां छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मदरसों के पाठयक्रम में कोई छेड़छाड़  अथवा बदलाव नहीं किया जाएगा बल्कि यह विषय ऐच्छिक विषय के तौर पर उर्दू भाषा में ही पढ़ाए जाएंगे इन्हे थोपा नहीं जाएगा। इन विषयों की किताबे उर्दू भाषा में उपलब्ध है। 

श्री चौधरी ने कहा कि दकियानूसी ख्यालों से न तो ऐसे व्यक्ति की तरक्की होती है और न ही देश प्रदेश तरक्की की राह पर आगे बढ़ पाता है। आज तकनीक का दौर है और जरूरत इस बात की है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र भी समय के साथ कदमताल करते हुए आधुनिक ज्ञान प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अभी जो शिक्षा मदरसों में दी जा रही है उसे हासिल करने के बाद वहां से कोई भी छात्र डाक्टर, इंजीनियर अथवा वैज्ञानिक आदि नहीं बन सका है।

मदरसों में दाखिला लेने व वहां की शिक्षा के बाद वे  समाज में सम्मानजनक पेशे में नहीं जा पाते हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि मदरसों में रोजगारपरक तकनीक शिक्षा तथा ऐसे नए कोर्स पढ़ाए जाएं जो वहां के छात्रों कों बेहतर भविष्य के निर्माण में मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले विषय ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाए जाएंगे। अभी जो शिक्षा मदरसों में दी जाती है उससे वहां के छात्र देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में भी अनभिज्ञ ही रहते हैं।

श्री चौधरी ने कहा कि वर्तमान में यूपी में करीब 19 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं और उनकी सहभागिता के बिना प्रदेश के विकास की बात कठिन है। राज्य सरकार प्रदेश  के विकास तथा अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए ही यह पहल कर रही है। इन नए विषयों को पढ़ाने के लिए वहां पर एनसीईआरटी व इलाहाबाद बोर्ड की किताबों से शिक्षा दी जाएगी।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि यूपी में करीब 19 हजार मदरसे हैं जिनमें से 16686 ने डाटा फीडिंग कर दी है। जो रह गए है वे भी अगर उचित कारण बताकर पंजीकरण कराना चाहेंगे तो उन्हें भी अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मदरसें जो पंजीकरण नहीं कराएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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