सैटेलाइट से चीन सीमा पर नजर रखेगा आईटीबीपी

नई दिल्ली। पिछले दिनों चीन के साथ हुए डोका ला विवाद के बाद केंद्र सरकार ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को नई ताकत से लैस कर दिया है। सुरक्षाबल को संचार सैटलाइट के जरिए सीमा पर निगाह रखने के लिए फीड  दी जा रही है। आईटीबीपी को भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) के भू-स्थिर संचार उपग्रह जीसैट-6 की फीड दी जा रही है। इसके जरिए अद्र्ध सैनिक बल पूरे देश पर निगाह रखने में सक्षम होगा। आईटीबीपी के महानिदेशक आरके पंचनंदा ने कहा कि आईटीबीपी को जीसैट-6 संचार उपग्रह को संचालित करने की नोडल एजेंसी बनाया गया है। 2015 में लांच यह सैटेलाइट संचार के साथ ही नेविगेशन, डाटा जुटाने और इमेज मैपिंग भी करती है। सुरक्षा बल इसकी मदद से सूचनाओं पर नजर रखेंगे और कुछ संदिग्ध नजर आने पर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करेंगे। इस तरह 3500 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर नजर रखना आसान हो जाएगा, जो पूर्व में हिमाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में जम्मू एवं कश्मीर तक फैली हुई है। डोका ला विवाद के बाद भारत सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए। जैसे सीमा की खुफि या जानकारी एकत्रित करने के लिए एक विशेष संस्थान बनाया गया। सैटलाइट फ ीड देना भी इन्हीं कदमों में से एक है।
आईटीबीपी के एक अधिकारी के मुताबिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। सैटेलाइट का 25 फ ीसदी काम अब बल ही संभालेगा। जबकि अब तक इसरो ही डाटा निकालने से लेकर जरूरी सूचनाएं संबंधित एजेंसी तक पहुंचाने का काम करती थी।  आईटीबीपी ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में बाकायादा एक ट्रेनिंग स्कूल बनाया जा रहा है। इसका मकसद आईटीबीपी के भीतर खुफिया ऑपरेटर की संख्या बढ़ाना है। 90 हजार जवानों वाला यह बल अभी अपने 1,500 जवानों को खुफिया सूचनाएं जुटाने की ट्रेनिंग दे रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 70 दिन तक चले डोका ला विवाद के बाद अब सरकार का ध्यान पूर्वी सीमा पर है। यह नया फैसला पूरे भारत से खुफिया सूचना जुटाने के प्रयास का एक हिस्सा है।

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