विटामिन D क्या है इसकी कमी से क्या होता है

डॉ. नौशीन अली ( ब्यूरो चीफ ICN-मध्य प्रदेश )

भोपालआजकल ज़्यादातर लोगो में देखा गया है अपनी व्यस्तता के कारण अपने खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान नहीं दे पाते है ए.सी. में रहना तो चलन सा बन गया है  पुराने ज़माने के लोग अपनी दादी-नानी में अभी भी विटामिन D  की पर्याप्त मात्रा है अगर किसी नौजवान का ब्लड टेस्ट कराया जाये तो उसमे विटामिन D की कमी मिलेगी अगर आपको थकन होती है आलस का महसूस होना हड्डियों और मासपेशियो में दर्द होना इसका मतलब आपको विटामिन D की कमी है

विटामिन D को सन शाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है Vitamin D fat-soluble प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है जो शरीर को कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और जिंक को absorb करने में मदद करता है विटामिन डी नसों और मासपेशियो के लिए बहुत ज़रूरी है ये ह्रदय रोग उच्च रक्तचाप मधुमेह और मस्तष्क के कार्यो के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है

विटामिन D कम होने की वजह ??

पहले की तुलना में आजकल के लोग सुबह की धुप और ताज़ी हवा का कम ही आनंद उठा पाते है ज़्यादातर लोगो को एयर कंडीशन में ही रहना पसंद है विटामिन का में साधन सूरज है और सूरज की किरणे स्किन के संपर्क में आकर ही विटामिन बनाती है जब बहार निकलेंगे नहीं तो सूरज की किरणे विटामिन नहीं बना पाती है आजकल तो कसरत भी लोग एयर कंडीशन में रहकर करना पसंद करते है इसका सीधा मतलब है आप में विटामिन D की कमी है

विटामिन क्या है ?

विटामिन  D दो प्रकार के होते है विटामिन (D2-ERGOCALCIFEROL)

(D3-Cholecalciferol) दोनों में से कुछ आहार से मिलता है केवल विटामिन D3 सूरज की किरणों से त्वचा में  बनता है विटामिन D मुख्यता कैल्शियम और फॉस्फेट का अवशोषण (Absorption) भी करता है मतलब अगर आप एक गिलास दूध ये सोच कर पीते है की आपको कैल्शियम  मिल गया है तो आप गलत सोच है जब तक विटामिन D आपको नहीं मिलेगा कैल्शियम का अब्सॉर्प्शन नहीं होगा

विटामिन D कैसे मिलेगा ??

सबसे अच्छा प्राकृतिक तरीके से विटामिन डी प्राप्त करने का स्रोत धूप है, और इसके अलावा वसायुक्त मछली (सैल्मन, ट्यूना या समुद्री मछली) जैसे कुछ खाद्य पदार्थ है जो विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं। इसके अतिरिक्त विटामिन डी, बीफ़, जिगर, पनीर और अंडे में भी पाया जा सकता हैं। जिन लोगो में विटामिन डी की कमी होती है उन्हें कुछ हफ़्तों में एक बार कॉलेकैल्सिफेरॉल (vitamin D3) की खुराक की राय दी जाती है। कॉलेकैल्सिफेरॉल, विटामिन डी (विटामिन D3) का एक रूप है, जो आसानी से शरीर द्वारा अवशोषित किया जाता है किसी भी विटामिन D की पूरकता शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करना चाहिए। अब बात ये है की शाकाहारी लोग विटामिन डी कैसे प्राप्त करेसबसे अच्छा स्त्रोत मशरूम है

और दूध सोया मिल्क ब्रोकली गाजर संतरे का जूस और आम का सेवन कर सकते है

विटामिन डी की कमी के लक्षण /

    हड्डियों में दर्द।

  • मांशपेशियों (muscles) में कमजोरी।
  • बिना अधिक मेहनत किये थकान होना।
  • दिन में ज़रुरत से ज्यादा नींद आना।
  • आप डिप्रेस्ड फील करते हैंजिन लोगों में विटामिन डी की कमी थी उनमे स्वस्थ लोगों की अपेक्षा अवसादग्रस्त होने की संभावना 11 गुना तक होती है। इसलिए अगर आप डिप्रेस्ड  हैं तो हो सकता है आपके अन्दर Vitamin D की कमी हो सकती है।
  • सर से पसीना आना: ये कुछ अजीब लग सकता है लेकिन बाकी शरीर की तुलना में सर से अधिक पसीना आना विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।
  • कई लोगों में ये लक्षण साफ़ नहीं दिखाई देते लेकिन फिर भी उनमे विटामिन डी की कमी हो सकती है जिससे कई स्वास्थय सम्बन्धी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • बारबार इन्फेक्शन होना भी विटामिन डी की कमी indicate करता है। दरअसल, हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता का महत्त्वपूर्ण हिस्सा टी सेल जो की इम्युनिटी के सेल होते है विटामिन डी द्वारा ही ठीक से एक्टिवेट  होते हैं। और इसकी कमी व्यक्ति को बारबार बीमार कर सकती है।बारबार सांस लेने से सम्बंधित समस्या का होना भी विटामिन डी की कमी का लक्षण हो सकता है।
    विटामिन D की कमी का पता कैसे चलेगा?
    यदि आपको बारबार संक्रमण हो रहे हैं, आलस का अनुभव होता है, हड्डियों और माँसपेशियों में दर्द है, तो आपको अपने विटामिन D के स्तर की जाँच करवानी चाहिए। रक्त परीक्षण से हमें शरीर में विटामिन D की मात्रा का विश्लेषण मिल जाता है।

    विटामिन डी के फायदे?

    हड्डियों को मज़बूती देता है

    कैल्शियम फॉस्फेट का अवशोषण करता है

    चुस्ती रहती है

    मोटापा नहीं बढ़ता

    गर्भावस्था में स्त्री की विटामिन डी भरपूर मात्रा में लेना चहिये इससे शिशु में साँस लेंने में तकलीफ नहीं होगी हड्डिया मज़बूत होती है

    विटामिन डी की कमी से क्या होगा?

    अगर गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो साँस लेने में शिशु को तकलीफ होती है पसलिया कमज़ोर होने लगती है, बच्चो के बच्चो की सिर की खोपड़ी  हड्डियों कमज़ोरी जाती है

    विटमिन डी की कमी का प्रभाव किडनी पर भी पड़ता है इसलिए अभिभवकों को ज़रूरी को बच्चो को सुबह की सैर कराये

    Vitamin D हड्डियों की मजबूती के लिए ज़रूरी है, क्योंकि ये खाने में मौजूद कैल्शियम को प्रयोग करने में शरीर की मदद करता है। रिकेट्स (बच्चो में होता है) विटामिन डी की कमी से रिकेट्स की बीमारी हो सकती है, ये एक ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डियाँ नर्म हो जाती हैं और बॉडी का शेप बिगड़ जाता है

    • रिकेट्स (बालवक्र), इस बीमारी में विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के पैर सीधे ना हो कर आर्क शेप में मुड़ जाते हैं।
    • हड्डियों में दर्द जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।

    ओस्टोमलेशिआ (Osteomalacia) (बड़ो में )- विटामिन डी की कमी से  जल्दी से थकन हो जाना फ्रेक्चर हो जाना चलने में दिक्कत आना  हड्डिया नरम हो जाना

    विटामिन D की कमी से कैसे बच सकता हूँ?

  • आप विटामिन D से समृद्ध आहार लेकर और पर्याप्त मात्रा में सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहकर विटामिन D की कमी से बच सकते हैं। विटामिन डी हमारे लिए उपयोगी है पर इसका अधिक सेवन हमारे लिए हानिकारक हो सकता है  इसके अधिक सेवन से कैल्सियम की मात्रा अधिक हो जाएगी जिस से भूख की कमी, बार-बार पेशाब आना  हार्ट अटैक खतरा आदि इसलिए हर चीज़ एक पर्यापत मात्रा में लेनी चाहिए न कम न ज़्यादा.


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