हिमाचल में बागियों को साधने की कोशिश, राहुल व सोनिया करेंगे रैली

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में मौजूदा चुनाव को लेकर जहां एक ओर कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुटी है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के सीनियर लीडर वहां बागी सुरों को साधने में लगे हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली से हाइकमान ने प्रदेश में 90 ऑब्जर्वर्स की एक लंबी-चौड़ी टीम भी भेजी है, जो वहां चुनाव के दौरान स्थितियों पर नजर रखने के साथ-साथ आपसी तालमेल भी बनाने का काम कर रही है। भले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा जोर इस समय गुजरात में है, लेकिन हिमाचल में अपना किला बचाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल दोनों ही रैली करने वाले हैं। चुनाव के आखिरी हफ्ते में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व वहां रैली करेगा। सूत्रों के मुताबिक, आगामी 4 व 6 नवंबर को वहां सोनिया व राहुल की रैली होनी है। तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि पहले किसकी रैली होनी है। पार्टी इस कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में लगी है। हालांकि राहुल गांधी इस महीने के शुरू में मंडी में एक रैली कर चुके हैं। हिमाचल के आसपास के राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर व राजस्थान से लोगों को ऑब्जर्वर्स बनाकर भेजा जा रहा है। 68 असेंबली सीटों वाले राज्य हिमाचल में ऑब्जर्वर्स का काम आपसी समन्वय बनाए रखने के साथ-साथ चुनावी गतिविधियों पर नजर रखना भी होगा। ये लोग स्थानीय प्रतिभाओं को तलाशने का काम भी करेंगे। हालांकि चुनाव से पहले हाइकमान प्रदेश कांग्रेस में मौजूद आपसी गुटबाजी और असंतोष पर काफी लगाम लगाने में कामयाब रहा। लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर लगभग 9-10 असंतुष्ट सामने आए हैं। इसके लिए कांग्रेस ने अपने कुछ बेहद सीनियर व अनुभवी नेताओं को रूठों को मनाने के लिए भेजा है। इनमें जहां हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत व हिमाचल की पूर्व प्रभारी अंबिका सोनी की ड्यूटी भी इन बगावतियों से बात करने के लिए लगाई गई है। इन रूठों में कुछ प्रमुख नाम शिमला शहर से हरीश जनारथा, मनाली से धरम सिंह धामी व बिलासपुर से तिलकराज शर्मा शामिल हैं।

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