बकाया वेतन न मिलने पर रोस्टर के हिसाब से काम करेंगे जेट एयरवेज के पायलट

मुंबई। उड़ानों का परिचालन करने वाले जेट एयरवेज के पायलटों के एक वर्ग ने उनके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में रोस्टर के हिसाब (वर्क टु रोस्टर) से काम करने का फैसला किया है. पायलटों के इस फैसले से एयरलाइन का परिचालन प्रभावित होने की आशंका है. एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र ने बताया कि नरेश गोयल के स्वामित्व वाली पूर्ण सेवा विमानन कंपनी ने अपने करीब 1,400 पायलटों :कमांडर सहित: के साथ तीन साल का वेतन करार किया है. यह करार एक अप्रैल, 2016 से प्रभावी है. जेट एयरवेज में खाड़ी की एयरलाइन एतिहाद की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
समझौते के तहत कमांडरों के लिए पहले साल (अप्रैल, 2016 से मार्च, 2017) के दौरान औसत वेतनवृद्धि 13 से 14 लाख रुपये वार्षिक रखी गई है. सूत्र ने कहा कि अभी तक इस बकाया का भुगतान नहीं किया गया है. फिलहाल जेट एयरवेज में 1,400 पायलट हैं. इनमें से 650 कमांडर हैं.
सूत्र ने कहा कि फर्स्ट ऑफिसरों सहित पायलटों का पहले साल का बकाया 11 करोड़ रुपये बैठता है. सूत्र ने कहा, हमने आखिरी सप्ताह से वर्क टु रोस्टर के हिसाब से काम करने का फैसला किया है. हम प्रबंधन के रोस्टर के अतिरिक्त उड़ानों के आग्रह को नहीं मानेंगे. इस बारे में जेट एयरवेज को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला. सूत्र ने कहा कि अभी तक इस कदम से परिचालन प्रभावित नहीं हुआ है लेकिन आगे चलकर इससे उड़ानों की समय सारिणी गड़बड़ा सकती है.

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