आपका आधार कितना सुरक्षित है, संसदीय पैनल ने यह सवाल सरकारी अधिकारियों से पूछा

नई दिल्ली। आधार से जुड़े आंकड़ों की सुरक्षा को लेकर एक संसदीय पैनल ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों से सवाल पूछे. गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति की बैठक में अधिकारियों से पूछा गया कि चूंकि अब आधार को मोबाइल नंबरों और बैंक खातों से जोड़ा जा रहा है, ऐसे में आंकड़ों की सुरक्षा किस तरह सुनिश्चित की जा रही है. बैठक में मौजूद एक सदस्य ने यह जानकारी दी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा, यूआईडीएआई के महानिदेशक और कुछ अन्य सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि आंकड़े महफूज हैं और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
याचिका
इस बीच मंगलवार को मोबाइल नंबरों को आधार से जोडऩे के बारे में दूरसंचार विभाग की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. यह जनहित याचिका तहसीन पूनावाला ने दायर की है. इसमें दूरसंचार विभाग की 23 मार्च की अधिसूचना निरस्त करते हुए इसे असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में टेलीकाम ऑपरेटरों को इस अधिसूचना पर अमल करने से रोकने और अब तक एकत्र किए गए आंकड़े नष्ट करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
शीर्ष अदालत ने छह फरवरी को केंद्र सरकार से कहा था कि सौ करोड़ से अधिक मौजूदा टेलीफोन उपभोक्ताओं और भावी मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की पहचान संबंधी विवरण की जांच की प्रभावी व्यवस्था एक साल के भीतर तैयार की जाए. शीर्ष अदालत ने लोक नीति फाउंडेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये आशा व्यक्त की थी कि यह प्रक्रिया निकट भविष्य में और यह साल पूरा होने से पहले ही पूरी हो जाएगी.

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