नई दिल्ली । नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने के पक्ष में आवाज उठाई है। हालांकि उन्होंने इसके लिए पैकेज की राशि का केवल उत्पादकता बढ़ाने और पूंजीगत खर्च के रूप में इस्तेमाल करने की शर्त जोड़ी है। घटती आर्थिक विकास दर के मद्देनजर उद्योग जगत सरकार से लगातार प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग कर रहा है। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार पैकेज का एलान करेगी। राजीव ने कहा, ‘मेरे हिसाब से प्रोत्साहन देने का मामला बनता है। हालांकि इसका इस्तेमाल उचित तरीके से किया जाना चाहिए।Ó उनकी टिप्पणी बीते दिन अमेरिका में वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने यह कहकर सब को चौंका दिया कि उनकी ओर से कभी ‘राहत पैकेजÓ का वादा नहीं किया गया है। हालांकि जेटली ने यह भी कहा था कि अगर आगे हालात बदलते हैं तो उनके मद्देनजर विचार करेंगे। इससे पहले मीडिया में ऐसी खबरें आ चुकी थीं जिनमें कहा गया था कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा सेहत को देखते हुए सरकार 40,000 करोड़ रुपये तक के पैकेज का एलान कर सकती है। लघु सिंचाई में पीपीपी का सुझाव : नीति आयोग ने लघु सिंचाई के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी यानी पीपीपी को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। किसानों की फर्मे बनाकर ऐसा किया जा सकता है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताई अर्थव्यवस्था को राहत पैकेज की जरूरत
