ग्राहकों को सीधे तौर पर बेच सकेंगे अपने प्रोडक्ट्स

नई दिल्ली । देश के बैंकों के बीच नए ग्राहक बनाने की एक नई होड़ शुरू हुई है। यह होड़ खास तौर पर कारोबारी ग्राहकों को लुभाने के लिए ज्यादा है क्योंकि वहां न सिर्फ संभावनाएं ज्यादा हैं बल्कि वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम भी हैं। इस क्रम में निजी क्षेत्र के प्रमुख एचडीएफसी बैंक ने अपनी कई शाखाओं में स्टार्टअप जोन खोलने का एलान किया है। यह बैंक की शाखाओं के भीतर स्थापित एक विशेष सेवा क्षेत्र होगा जहां सिर्फ स्टार्टअप कंपनियों के लिए तमाम सुविधाएं होंगी। पहले चरण में देश के 30 शहरों में 65 शाखाओं में जोन खोले जा रहे हैं। इसके तहत खास तौर पर उन शहरों पर ध्यान दिया जाएगा जहां स्टार्टअप कंपनियां सबसे ज्यादा हैं। बैंक ने यह पहल स्टार्टअप के साथ आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए किया है। यहां उन्हें हर तरह की बैंकिंग सेवाओं के अलावा उन्हें साझेदारी स्थापित करने में भी मदद की जाएगी। साथ ही उन्हें एचडीएफसी बैंक की स्मार्टबाय प्लेटफार्म भी दिया जाएगा ताकि स्टार्टअप अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों के बीच बेच सके। इस तरह से सीधे एचडीएफसी बैंक के चार करोड़ ग्राहकों तक उनकी पहुंच हो सकेगी। सनद रहे कि भारत को अमेरिका व यूके के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप बाजार माना जा रहा है। इसी तरह से देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने लघु, सीमांत और मझोले उद्यमियों के लिए एक एसएमई असिस्ट नाम से एक नई सेवा का शुभारंभ किया है। यह सेवा छोटे व मझोले उद्यमियों को नौ महीनों की अवधि के लिए वर्किग कैपिटल उपलब्ध कराएगा। साथ ही यह जीएसटी के तहत इनपुट क्रेडिट के बदले भी कर्ज मिलेगा। इसके लिए एसबीआइ बहुत ही सस्ती दर पर ब्याज वसूलेगा। एसबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक (एसएमई) वी. रामलिंगा का कहना है कि इससे छोटे कारोबारियों के समक्ष वर्किग कैपिटल की दिक्कत काफी हद तक दूर हो जाएगी क्योंकि जीएसटी के तहत इनपुट क्रेडिट मिलने में देरी होने के बावजूद इन कारोबारियों के काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके तहत मिले कर्ज को ये व्यापारी छह आसान किस्तों में भी चुका सकेंगे।

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