डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डिप्टी एडिटर-ICN लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स इत्यादि…
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धुएँ में स्वाहा होती जिंदगियां।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा तम्बाकू एवँ धूम्रपान से होने वाली बीमारियों की गंभीरता का अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख लोग तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण असमय मौत का शिकार हो जातें हैं तथा भारत मे यह आंकड़ा 10 लाख से ऊपर है। वर्तमान समय में तम्बाकू एवँ धूम्रपान की लत पूरे विश्व में जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है और पूरा चिकित्सा जगत समस्या से चिंतित है कि किस प्रकार इससे मुक्ति पाया जाए।तम्बाकू के…
Read Moreचंबल मैराथन 2023: 14-15 जनवरी को दौड़ेंगे धावक, तैयारियां जारी
इटावा: चंबल परिवार द्वारा आयोजित चंबल मैराथन का तीसरा संस्करण आगामी 14-15 जनवरी 2023 को मुरैना जनपद में आयोजित किया जा रहा है। चंबल मैराथन 2023 का रूट अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय से शहीद स्मारक बरबाई तक 42.200 किमी तक प्रस्तावित है। चंबल मैराथन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के धावक अपना दमखम दिखाएंगे। 14 जनवरी को प्रातः 8 बजे से 5 किमी और 10 किमी की दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर 21.0975 किमी और 42.195 किमी…
Read Moreचंबल की धरती का अनोखा क्रांतिकारी : दादा शंभूनाथ आजाद
डॉ. शाह आलम राना (पुण्यतिथि पर विशेष) किसी भी तरह के अन्याय व शोषण का प्रतिरोध चंबल के जनमानस की पहचान मानी जाती है। प्राचीन काल से लेकर उन्नीसवीं सदी तक के इतिहास में झाँके तो चंबल घाटी में बगावत एक समृद्ध परंपरा की तरह विकिसत होती रही। चंबल के लोगों ने अन्यायी अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ सतत मोर्चाबंदी की इसीलिए चंबल को शौर्य की जननी कहा जाता है। चंबल घाटी ने ऐसे तमाम मुक्ति योद्धा इस देश को दिए हैं जो अपने साहस, त्याग और बलिदान की इबारत लिख…
Read Moreमशाल बनाम कुल्हाड़ी
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है? ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों…
Read Moreस्वतंत्रता इतिहास के भूले हुए पन्नों में दर्ज एक अनूठी वीरांगना : गुलाब कौर
अमिताभ दीक्षित, एडिटर-ICN U.P. गुलाब कौर : इतिहास में भुला दी गयी वो महिला जिसने अंग्रेजों से लड़ने के लिए अपने पति को छोड़ दिया और एक सुरक्षित जीवन को तिलांजलि दे कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ी. कई बार, इतिहास अपनी उन अनन्य नायिकाओं को भूल जाता है, उनके चेहरे भुला दिए जाते हैं, और उनकी बहादुरी की गाथा कोई याद नहीं करता जिनके असाधारण साहस और बलिदान को देश के इतिहास लिखते समय निश्चित रूप से को स्मरण रक्खा जाना चाहिए और उन्हें एक सम्मान जनक स्थान देना चाहिए.…
Read Moreधुएँ में स्वाहा होती जिंदगियां।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा तम्बाकू एवँ धूम्रपान से होने वाली बीमारियों की गंभीरता का अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख लोग तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण असमय मौत का शिकार हो जातें हैं तथा भारत मे यह आंकड़ा 10 लाख से ऊपर है। वर्तमान समय में तम्बाकू एवँ धूम्रपान की लत पूरे विश्व में जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है और पूरा चिकित्सा जगत समस्या से चिंतित है कि किस प्रकार इससे मुक्ति पाया जाए।तम्बाकू के…
Read Moreसेल्फी : मनोरंजन या मनोरोग ?
डॉ. संजय श्रीवास्तव क्या आप सभी जानते है की एक ख़ास सर्वेक्षण के अनुसार अवसाद के बाद दुस्साहसिक सेल्फी लेना युवाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आया है | यूँ तो आप सभी जानते ही हैं की तस्वीरें खिचवाने का या अपनी तस्वीरे बनवाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है उसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की हर व्यक्ति खूबसूरत दिखना चाहता है और वह अपनी खूबसूरत तस्वीर को देख कर गौरान्वित अनुभव करता है ,प्रसन्न होता है वक़्त बदलता गया…
Read Moreआई सी एन : टिकारी में ग्रामीण उद्यमिता की चिंगारी
ग्रामीण इलाके में सिमटा टिकारी गाँव अचानक ही तब क्षेत्र की ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ बन गया जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेज़ी भाषा के माध्यम से 182 देशों व हिंदी भाषा के माध्यम से 81 देशों में मौजूद आई सी एन मीडिया ग्रुप ने इस गाँव व निकटवर्ती क्षेत्रों के भविष्य में ‘ग्रामीण उद्यमिता व आत्मनिर्भरता’ के नये सबक की इबारत लिखी। हरदोई, 24 जून, 2022.’विकास ऊँचाई में मीनार जैसा नहीं वरन् धरातल पर फैले हुये मैदानों जैसा होना चाहिये’ – यह समझ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्विवादित रूप से विकसित होती जा रही…
Read Moreआई सी एन कार्यशाला : भारत में ग्रामीण उद्यमिता की संभावनाएँ
लखनऊ – भारतवर्ष जिस विकास को लक्ष्य कर रहा है, उसका मार्ग मात्र ग्रामीण उद्यमिता से ही निकलता है। हमारा देश न केवल विविध प्राकृतिक साधनों व संपत्तियों का ही देश है वरन् यहाँ मानव श्रम भी प्रचुर मात्रा में है। यदि इन दोनों का बुद्धिमानी व दूरदृष्टि से कृतसंकल्पित होकर सर्वश्रेष्ठ संयोजन किया जाये तो पुरातन काल का विश्वगुरु भारत एक बार फिर विश्व के सबसे ऊँचे पायदान पर स्थापित हो सकता है। यह संदेश है कर्नल नीलेश इंगले (सीनियर कंसल्टिंग एडीटर, आई सी एन) के ‘भारतवर्ष में ग्रामीण…
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