सुहेल काकोरवी की ग़ज़ल (ज़मीने बद्र पर)

जभी मुमकिन है हम दोनों का रोशन नाम हो जाए मोहब्बत में बराबर से जो वो बदनाम हो जाए only then is possible the glory of our name in love If she equally shares the infamy the censure creates तुम्हारा लुत्फ़ हम कब चाहते हैं आम हो जाए मगर इतना तो हो थोड़ा हमारा काम हो जाए I do not want that become public thy grace But at least I expect some out of that हकीकत यार के जज़्बों के खुल जाना यक़ीनी है कि जिस लम्हा पसन्दीदाह हमें दुश्नाम…

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स्मार्टनेस का साइड इफ़ेक्ट: नोमो फोबिया

डॉ. संजय श्रीवास्तव  ‘इंसान को अक्लमंद होना चाहिए स्मार्ट तो फोन भी होता है” | उस समय ये लाइने पढ़ कर मुझे कुछ अजीब सा लगा लेकिन आज जब मैं उन लाइनों को याद करता हूँ तो वे लाइनें मुझे हकीकत नजर आती हैं क्योकि आज हम सभी जिस तरह से अपनी पूरी दिनचर्या स्मार्टफोन के साथ स्मार्ट बन के गुजारते हैं | हमारे मोबाइल ने हमे स्मार्ट तो बनाया है लेकिन अगर हम बहुत ध्यान से अपना आंकलन करें तो हम ये पाते हैं कि हमारी मेमोरी यानि याददाशत धीरे…

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मनी सिरीज–(1)

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप प्रथम भुगतान स्वयं को नमस्कार मित्र ! अच्छा हुआ, आप मुझे इस मार्ग पर मिल गए । आपसे मिलकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। यात्रा लम्बी है किन्तु मुझे लगता है कि जब दो व्यक्ति मित्रों की तरह किसी यात्रा पर निकलते हैं तो कोई भी यात्रा लम्बी नहीं होती। जीवन की हर यात्रा हमें यह सिखाती है कि जीवन क्या है । यदि आपकी अनुमति होगी तो हम जीवन की लम्बी यात्रा में थोड़ी दूर तक साथ-साथ चलेंगे और मैं आपसे वायदा करता…

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तपिश से मेरी वक़्फ़े कश्मकश हर तारे बिस्तर है

By: Suhail Kakorvi ज़मीने ग़ालिब तपिश से मेरी वक़्फ़े कश्मकश हर तारे बिस्तर है मेरा सर रंजे बालीं है मेरा तन बारे बिस्तर है मेरी ग़ज़ल बहोत रंगीन है महका हुआ गुलज़ारे बिस्तर है मेरे पहलू में जो है वो तजल्ली बारे बिस्तर है Very colorful looks that garden like bedding One who is in my embrace is light scattering हमारी करवटें,और आंसुओं से उस को तर करना हमें बर्दाश्त कर लेता है ये इसारे बिस्तर है Make it wet change sides I in love desperation Bedding yet tolerates me,…

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प्रार्थना -2

तरुण प्रकाश, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप प्रार्थना शब्द के साथ जो मानसिक चित्र उभरता है, वह बड़ा ही पवित्र, निश्छल व शांत है- कहीं दूर वादियों में चाँदी की घंटियों की जल तरंग- पहाड़ों की चोटियों पर तैरता सुवासित धूम्र और प्रकृति की अधमुँदी आँखों में तैरता संतोष की पराकाष्ठा तक पहुँचा एक जादू । कितना पवित्र – कितना अलौकिक – कितना दिव्य । प्रार्थना व्यक्ति और परमात्मा के बीच संपर्क सेतु है। शायद इसी विचार स्तर पर मुझसे यह शे’र जन्मा है “जिस्म मेरा सफर पे है बाहर, मेरे अंदर…

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क्योंकि उनका फोन नंबर मेरे पास नहीं है।

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. गोरखपुर। मेरी वह नायिका जो रायगंज की सड़को के किनारों ,डीह पर और गांव के दखिन गोबर पाथ रही होगी ।चूल्हा चौकटा निबटा के अधिया खेत में बोया बर्सिन काट रही होगी।गेहूं की फसल काटने के उत्सव से पहले अगली फसल की प्लानिंग ने दोपहर की नींद से समझौता करने पर विवश कर दिया होगा ,उस प्यारी नायिका तक मेरा सलाम पहुंचे। मेरा सलाम पहुंचे दुरमूस ठीक कर रहे मेरे उन हीरोज तक जिनके बदौलत घर को मनपसंद शक्ल देने का सपने को…

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कुछ पाया भी क़ुछ खोया भी

डॉ अमेय त्रिपाठी, एसोसिएट एडिटर-ICN  कुछ पाया भी क़ुछ खोया भी कुछ भाग्य जगा कुछ सोया भी, क़ुछ स्वप्न जगे क़ुछ टूटे भी, क़ुछ भरम बने क़ुछ छूटे भी . क़ुछ कलित कामनाएं भी रिक्त हुयी  क़ुछ चरित विधाएँ भी सिद्ध हुईं दो चार कदम सब और चले दो चार हाँथ फिर और बढे. क़ुछ संभल जड़ से टूट गए क़ुछ लोग स्वार्थवश छूट गए क़ुछ और बढे प्रकृति की ओर सतर्क हो थामा जीवन की डोर क़ुछ मार्ग पुराने अवरुद्ध हुए क़ुछ लोग बेवजह क्रुद्ध हुए क़ुछ गडित हमारी…

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ज़िन्दगी फुटपाथ पर

अमिताभ दीक्षित , एडिटर-ICN U.P. मेरे छू देने से जो सरासरा सी उठती है तमन्ना है कि उसके जानिब कोई अफसाना कहूं कुछ ऐसी बात बहुत नजदीक से छू ले उसे कुछ ऐसे लफ्ज़ जो जा बैठे हैं उसकी पलकों पर पंछियों के शोर से सुबह की सुगबुगाहट  आए नींद अभी बाकी हो लैंप पोस्ट  बुझ जाए और जिंदगी  उनींदी सी करवट बदल के सो जाए……….थोड़ी देर और……….. थोड़ी देर बाद फिर ताके यूं टुकुर टुकुर डूबते तारों की चमक आंखें मिचियाए बुरा  सा  मुंह बना के उठ बैठे फेंक  के चादर कूद चारपाई से तेज कदमों…

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चिरायता के फायदे और नुकसान

By: Dr. Ripudaman Singh, Associate Editor-ICN  & Hemant Kumar, Asstt. Editor-ICN स्विर्टिया चिरेटा (Swertia Chirata) को भारत में चिरायता के रूप में जाना जाता है। स्विर्टिया चिरेटा इसका वैज्ञानिक नाम है। यह एक वार्षिक जड़ी बूटी है जो भारत भर में मिलती है और इसकी ऊंचाई 1.5 मीटर तक होती है। संस्कृत में इस जड़ी-बूटी को भूनिम्ब या किराततिक्त कहा जाता है। इस प्राचीन जड़ी बूटी को नेपाली नीम के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह नेपाल के जंगलों में एक आम पेड़ है। इस पौधे के बारे में सबसे पहले 1839 में यूरोप में पता चला था।…

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समाचारपत्र से प्रेमपत्र तक

तरुण प्रकाश, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  हर सवेरे आ जाते हैं समाचारपत्र , खिड़की के रास्ते उछल कर प्रवेश करते हैं ड्राइंगरूम में हत्या , लूट, आगजनी और बलात्कार । कवि कविता रच रहा है लेखक लिख रहा है सत्य और विश्वास की कहानी संगीतकार बरसाता है अक्षत निर्झर और चित्रकार रचता है, इस लिज़लिज़ी ज़मीन पर दमदमाता अंबर लेकिन – यह सब समय के साँचे पर कस नहीं पाता पता नहीं – यह समय गलत है या ये लोग। सोचता हूँ , अभी नहीं आया था मेरे जन्म लेने का…

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