कोविड 19 के विश्वव्यापी संक्रमण से भारत में सिर्फ मई महीने में आए एक लाख से ज्यादा केस

डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडीटर-ICN कोविड 19 के विश्वव्यापी संक्रमण ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि संक्रामक रोगों के ख़िलाफ़ लड़ाई लगभग जीत ली गई है इसका प्रमाण है कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संक्रमण ने दुनिया के 57 लाख लोगों को  अपनी गिरफ्त में लिया और  इसके कारण लगभग 3 लाख 52 हजार से अधिक लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी । भारत मे संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 1 लाख 51 हजार से ऊपर निकल गया है तथा 4346 लोग मौत का शिकार हो गए हैं और…

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लाचार मजदूर की पीड़ा बनाम ईद की खुशी

मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप सहसवान/बदायूं: ज़िला बदायूँ  तथा नगर सहसवान की आदर्श जनता ने जिलाधिकारी कुमार प्रशांत वरिष्ठ पुलिस, अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी, एसपीआरए डॉ सुरेंद्र सिंह,उप जिलाधिकारी लाल बहादुर तथा सीओ सहसवान रामकरन व कोतवाल हरेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में तथा पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के कारण लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन किया। नगर की आदर्श जनता ने पवित्र रमजान महीने के चलते भी लॉक डाउन को कामयाब करने में नगर सहसवान के प्रशासन का पूरी तरह से सहयोग किया ।बदायूं जिला…

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श्रम का भीड़तंत्र : 3

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारे युवा अनेक नये नये व्यापारिक विचारों के साथ नये नये प्रयोग कर रहे हैं। उनमे अनुभव की कमी है किंतु उत्साह की नहीं। और जहाँ तक औद्योगिक श्रम की बात है, उसके संबंध में भी कुछ सारभूत तत्वों पर विचार किया जाना अत्यंत आवश्यक है – असंगठित श्रम का पंजीयन भी ब्लाक स्तर पर आवश्यक किया जाये तथा उन्हें पहचान पत्र निर्गत किये जायें जिनमें उनकी पंजीकरण संख्या, उनकी शिक्षा (यदि कोई हो), श्रम…

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श्रम का भीड़तंत्र : 2

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमारे देश में कृषकों के पास बड़ी मात्रा में भूमि उपलब्ध होने के बावजूद ‘कृषि योग्य भूमि’ अत्यंत सीमित है। अत: समस्त भूमि को ‘कृषि योग्य अथवा अन्य रोज़गार योग्य’ तैयार करने की राष्ट्रीय योजना तैयार करना अत्यंत आवश्यक है जिसका क्रियान्वयन ग्राम सभाओं के माध्यम से किया जाना आवश्यक है। समस्या का दूसरा सिरा उन महानगरों व नगरों से जुड़ा है जहाँ अभी तक उपस्थित औद्योगिक इकाइयों में यही श्रमिक कार्यरत थे किंतु उनकी घर वापसी के पश्चात कारखाने तो खुले किंतु…

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श्रम का भीड़तंत्र : 1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप कोरोना संक्रमण काल में पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर जिन बड़े चौंकाने वाले और एक सीमा तक भारतीय मानस को कंपकंपा कर रख देने वाले प्रश्नों ने जन्म लिया है, उनमें औद्योगिक समाज द्वारा श्रम की उपेक्षा और लॉक डाउन में भूख-प्यास से त्रस्त असंगठित श्रम समाज द्वारा आत्महत्या के द्वार पर दस्तक देने सरीखे दुसाहस का परिचय देना सबसे गंभीर मुद्दा है। चीन के बाद आबादी की दृष्टि से विश्व में दूसरे सबसे बड़े देश भारत में ये स्थितियां एक बड़ा यक्षप्रश्न…

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ग्रहों की स्थिति एवं व्यक्ति के जीवन पर उनका प्रभाव

डॉ भावेश दवे, ज्योतिषाचार्य, ICN आज हम अपने पाठकों को विभिन्न ग्रहों और उनके प्रभाव के बारे में जानकारी देते हैं। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में किसी व्यक्ति के जन्म के समय 9 ग्रहों की स्थिति के आधार पर उस व्यक्ति की कुंडली या उसके भाग्य का मूल्यांकन किया जाता है। अजमेर: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु या बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु व केतु; वहीं वेस्टर्न ऑस्ट्रोलॉजि में 12 ग्रहों की स्थिति के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है, 3 अतिरिक्त ग्रह प्लूटो, नेपच्यून और हर्षल भी सम्मिलित हो जाते हैं। इन…

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प्रवासी मजदूर: भूत वर्तमान और भविष्य

डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप  बेहतर आमदनी एवँ अच्छे जीवन की उम्मीद लिये देश के गॉवों के करोड़ों मजदूर भिन्न-भिन्न राज्यों में मजदूरी करने के लिऐ  मजबूर हैं । अपना गांव, वतन, जमीन छोड़कर जीवकोपार्जन के लिए  दूसरी जगह जाने के लिए विवश इन मजदूरों को परदेश कमाने वाला एवं आधुनिक भाषा में प्रवासी मजदूर कहा जाता है ।यह मजदूर वहां  राजगीरी, रिक्शा चलाना, ईंट गारा देना, ईंट भट्ठे पर काम करना, फ़ैक्टरियों में छोटी मोटी नौकरी करना, बढ़ाईगीरी, ठेला लगाना, रंगाई…

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घर लौटे मजदूरों का सपना पूरा करना होगा

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप  बेहतर जिन्दगी की चाहत हर किसी को होती है। और बेहतर आमदनी एवँ अच्छे जीवन की उम्मीद लिये करोड़ों लोग अपना गांव और घर छोड़कर दूसरे प्रदेशों और विदेशों का रूख कर लेते हैं। भारत गांवों का देश है। गांवों में रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बेहतर जिन्दगी और ज्यादा आमदनी के लिए हर वर्ष लाखों ग्रामीण शहरों और महानगरों का रूख करते हैं। इस श्रमशक्ति को हम प्रवासी मजदूर के नाम से जानते…

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प्रवासी गरीब मजदूर परिवारों को घर पहुंचाने की व्यवस्था करे सरकार

इटावा: प्रशांत फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ हेमंत कुमार ने कहा है कि इस आपदा के दौरान प्रवासी गरीब मजदूर के खाने तक के लाले पड़ रहे हैं। ऐसे मौके पर उन्हें उन के घर तक पहुंचाने का कार्य सरकार को करना चाहिए। सरकार द्वारा गरीब मजदूरों के खाने की व्यवस्था ठीक से ना होने के कारण मजदूर अपने परिवार के साथ पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल पड़े है। ऊपर से पैदल चल कर आगे पहुंचने के बाद वहां खड़ी पुलिस द्वारा उन्हें लाठी मारकर या तो दुबारा…

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पुलिस और जनता

मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप साठ के दशक में  हिंदी सिनेमा  की सबसे कामयाब फिल्म मुग़ले आजम बनी थी। फिल्म में मुख्य भूमिका अकबर ए आजम, शहजादा सलीम, व अनारकली की थी। फिल्म के अंत में मुगल शहंशाह अकबर अनारकली से मुखातिब होकर कहते हैं  “अनारकली  बखुदा हम मोहब्बत के दुश्मन नहीं लेकिन अपने उसूलों के गुलाम हैं। एक गुलाम की बेबसी पर  गौर करोगी तो शायद तुम हमें माफ कर सको।” सहसवान/बदायूं: फिल्म की बेशुमार कामयाबी की गंभीर, सख्त, तेज तर्रार व तमाम जमाने की बुराई  अपने…

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