नमन :15 अगस्त-आज़ादी पर्व पर

अमिताभ दीक्षित, एडिटर-ICN U.P. करें हम उनको आज नमन करें हम उनको आज नमन जिनकी आँखों में जलती थी स्वाभिमान की ज्वाला जिनके हाथ सदा जपते थे आज़ादी की माला संघर्षों की राह तनिक न जिन्हें कर सकी विचलित हो स्वतंत्र यह देश बने सिरमौर विश्व में अतुलित जिन्होंने पाला यही सपन करें हम उनको आज नमन स्मुतियों के तार छिड़ गए चला चली की बेला जीवन की घिरती संध्या में ये मन बहुत अकेला याद याद कर लिखता जाऊं बलिदानों की गाथा खड़े हुए बलिवेदी पर ऊंचा था जिनका…

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“साथ चलना है तो तलवार उठा मेरी तरह, मुझसे बुज़दिल की हिमायत नही होने वाली”: आम हिंदुस्तानी की आवाज़ और 21वीं सदी मे उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी इस फानी दुनिया से रुखसत हो गये!

एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN  नई दिल्ली। मेरा परिवार ब्रिटिश दौर की ऐसी मुसलमान रियासत से ताल्लुक रखता है जहां की 90% आबादी मुस्लिम हुआ करती थी और उर्दू शायरी से मोहब्बत का यह हाल था कि ठेले-रिक्शे वाले भी आला-दरजे (उच्च-कोटि) के शेर लिखने-पढ़ने की सलाहियत रखते थे लेकिन मेरे पिताजी शायरी तथा शायरो को सख्त नापसंद करते थे क्योकि उनका मानना था कि मुसलमानो के पिछड़ेपन के लिये जि़म्मेदार कला से जुड़े विषय है क्योकि जब मुसलमान विज्ञान से जुड़े शीर्षको पर शोध-अनुसंधान करते थे तब विज्ञान का मध्यकालीन…

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खुलूसो मेहरो मोहब्बत की इन्तेहा हूँ मैं

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप खुलूसो मेहरो मोहब्बत की इन्तेहा हूँ मैं मेरे वजूद में सब सच हैं आइना हूँ मैं I am the climax of love,affection and sincerity In me There is truth through and through in me, I am mirror virtually मुझे बना के मिटाना है उसका शौक़े हसीं कि उसकी शोख तमन्ना का इर्तिक़ा हूँ मैं He creates me and deletes me is His fun entire So I stand as the evplution of His vivacious desire मैं रोज़ उनसे लगाता हूँ शर्ते तर्क वफ़ा ये शर्त वो…

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राहत इंदौरी : वर्तमान का इतिहास

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप   ‘राहत इंदौरी नहीं रहे’। रोज़मर्रा की आम ख़बरों की तरह शायद यह भी एक आम ख़बर की तरह ज़ह्न से सरसराती हुई निकल जाती अगर इस ख़बर के कुछ ख़ास मायने नहीं होते। एक दिन इस फ़ानी दुनिया से हर शख़्स को जाना है लेकिन ‘राहत इंदौरी का अनायास चले जाना’ निश्चित रूप से एक ख़बर से ज़्यादा है। चार लफ़्जों के इस जुमले के पीछे की सांय-सांय यह कह रही है कि ‘ग़ज़लों का वह दौर ख़त्म हुआ जब वे उर्दू शायरी…

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सुदूर-पूर्व मे हो चि मिन्ह के कृषक पुत्रो ने कृषि विकास तथा स्वावलंबन की ज्योति जलाई!

हो ची मिन्ह सिटी: दिनांक 9 अगस्त 2020 को  वियतनाम के तन फोंग वार्ड, डिस्ट्रिक्ट 7, हो ची मिन्ह सिटी मे आई०सी०एन० समूह द्वारा इंटरनेट सुविधा की (Online) सेवा के माध्यम से “ग्रीन स्पॉट्स अंडर आई०सी०एन० इंटरनेशनल रूलर एंटरप्रेन्योरशिप” पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेब-सेमीनार का आयोजन किया गया। संपूर्ण विश्व का विकास ही हमारा विकास है। इन्हीं विचारों के समर्थकों की सोच का ही परिणाम है ‘आई सी एन’ जो जन्मी तो‌ भारत में लेकिन जिसकी आँखों में संपूर्ण विश्व की पीड़ा है और जिसकी बाँहें विश्व के हर व्यक्ति के…

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ग़ालिब फ़िल्म का पोस्टर अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने किया रिलीज

माँ बेटे के रिश्ते पर आधारित फिल्म ग़ालिब का पोस्टर अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने आज सोशल मिडीया पर डाला हैं। कश्मीर के आतंकवाद पर आधारित इस फ़िल्म में दीपिका बेहद अलग और सकारात्मक भूमिका में दिखेंगी। फ़िल्म बन कर तैयार हैं कोरोना की वजह से फ़िल्म रिलीज में देर हुई अब इस फ़िल्म की रिलीज नवम्बर में होने की संभावना हैं। ग़ालिब की भूमिका में नवोदित अभिनेता निखिल पितलेय हैं इस फ़िल्म की पटकथा का काम धीरज मिश्रा और यशोमति देवी ने किया है जबकि निर्देशन मनोज गिरी का हैं।…

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इंसानियत (मानवता) की अलमबरदार (ध्वजा-वाहक) थी सूफीवादी लेखिका सादिया देहलवी!

एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN नई दिल्ली। सुंदरता़, बुद्धि तथा वीरता जैसे गुण अगर किसी महिला मे हो तो वह रज़िया सुल्तान या इंदिरा गांधी बन जाती है, यद्यपि वह ना तो रज़िया सुल्ताना की तरह वीर, साहसी तथा क्रांतिकारी महिला थी,ना ही वह इंदिरा गांधी की चतुर राजनीतिज्ञ और कुशल प्रशासक थी,किंतु जितना सुंदर उनका चेहरा था उतने सुंदर उनके विचार भी थे अथवा उनके अंतर्मन के अंदर दया-करूणा तथा अमानवीय व्यवस्थाओ को बदलने के लिये परिवर्तन की सरिता बहती रहती थी। मातृभूमि के लिये उनका समर्पण देखते ही बनता था…

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