केवल कुमार, एंटरटेनमेंट एडिटर-ICN
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
युगल गीत – कुछ रोज़ अभी तुमसे हम मिल न सकेंगे ….
गायक – अवनी भट्ट और राजीव भट्ट (मुंबई)
म्युज़िक अरेंजर – राजीव भट्ट
वीडियो – अवनी भट्ट और राजीव भट्ट
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
राजकोट, गुजरात में जन्मी अवनी को बचपनसे ही संगीत से रूचि थी। माता-पिता का सहयोग और श्रीमती हेमा दवे, श्रीनरेन्द्रजी, श्रीबाबूभाई अंधरिया और सुरमणि प्रमोद प्रभुणेजी से अवनी ने शास्त्रीय संगीतकी शिक्षा प्राप्त ली और विशारद किया। लखधीरजी इंजीनियरिंग कोलेज, मोरबीसे पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक किया। वर्ष 2002 में राजीव भट्ट के साथ शादी हुई । मुम्बई में भी संगीत के कई कार्यक्रम किए है। 2008 में मुम्बई यूनिवर्सिटीसे साउंड रिकॉर्डिंगका कोर्स किया। राजीव के साथ टीवी धरावाहिकों में थीम्ज़ और आलाप गाए हैं। 5 साल तक स्कूल में भी संगीत शिक्षक की हैसियत से काम किया है। वर्तनमान में वह एफ़एम गोल्ड, मुम्बई में रेडीओ जॉकी के रूप में कार्यरत हैं ।गायक-संगीतकार राजीव भट्ट का जन्म भी राजकोट (गुजरात) में हुआ । एक संगीत परिवार में जन्में राजीव को संगीत की प्राथमिक शिक्षा माता-पिता श्री जितेन्द्र भट्ट और जयश्री भट्ट के म्यूज़िक ग्रूप राजश्री & पार्टी से हुई जो कर्मभूमि मुंबई में भी निरंतर चलती रही.राजीव ने इस ग्रुप के साथ अनेक कार्यक्रम भी किये ।राजीव भट्ट को मुंबई में सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक कुमार सानु, उदित नारायण, सोनू निगम, अलका याज्ञनिक जैसे फ़िल्म संगीत के दिग्गजों के साथ देश विदेश में as a keyboard player अनेक शोज़ में शिरकत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।उन्होंने 2010 से हिंदी टेलीविज़न के क़रीब क़रीब सारे प्राइम चैनल जैसे की Star plus , ज़ी tv, Colors , सोनी TV में 30 से ज़्यादा TV सीरीयल्ज़ में background music दिया है गुजराती फ़िल्म “चाल जीवी लइए “ जो थीयटर मे पूरे एक साल चलने का रिकॉर्ड स्थापित कर चुकी है, उस फ़िल्म का भी background म्यूज़िक राजीव भट्ट ने दिया है।आजकल वह कई TV, Film और YouTube channel के लिये काम कर रहें हैं । अवनी भट्ट और राजीव भट्ट ने ये गीत बड़ी ही ख़ूबसूरती से गाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है … गीत सुनिए… Like करिए .… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।
विशेष : समय कभी नहीं रुकता है। जब कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के दौरान सारा विश्व थमा हुआ सा प्रतीत हो रहा था, सृजन उस समय भी जारी था। जीवन हर चुनौती से बड़ा है और उसी लॉकडाउन काल में रचे व सृजित किये गये ये गीत हमारी हर संकट से जूझने व जीतने की संस्कृति के प्रतीक हैं।
धन्यवाद 
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